मोदी जी देश को खतरनाक रास्ते पर ले जा रहे हैं. वो संसद के विशेष सत्र का इस्तेमाल अधिनायकवाद और सांप्रदायिकता को मजबूत करने के लिए कर सकते हैं. अडानी कांड की जाँच हुई तो अडानी ही नहीं, बड़े-बड़े नेता और अफसर जेल जाएँगे.
राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष एकजुट क्यों नहीं दिखा? राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में क्या विपक्ष कभी कभी एकजुट हुआ भी है? जानिए, यशवंत सिन्हा के मामले में विपक्ष का रवैया कैसा रहा।
राष्ट्रपति का चुनाव पूरा । औपचारिक रूप से नतीजे 21 जुलाई को । लेकिन बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का जीतना तय । सवाल क्यों विपक्ष नहीॉ समझ पा रहा बीजेपी की रणनीति ? क्यों नहीं दे पा रहा टक्कर ? आशुतोष के साथ चर्चा में सिद्धार्थ कलहंस, प्रकाश पोहरे, कार्तिक बत्रा, प्रिया सहगल और लक्ष्मण यादव ।
क्या महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अब झारखंड की बारी है? राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने झारखंड सरकार के अस्थिर होने की आशंका क्यों जता दी?
यूपी में राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया है। यूपी में राजभर की पार्टी अखिलेश यादव की सपा के साथ है। सपा ने सिन्हा का समर्थन किया है। राजभर के समर्थन से यूपी में मुर्मू और मजबूत हो गई हैं। राजभर के इस ऐलान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश और यूपी में विपक्ष की स्थिति क्या है।
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी होने से विपक्षी दल भी उनके समर्थन में आ रहे हैं, लेकिन क्या ऐसी कोई यूएसपी विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की है जिससे उनका समर्थन बढ़े?
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार उतारा, लेकिन अब इसी विपक्ष के कई दल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करते क्यों नज़र आ रहे हैं?
शिवसेना प्रमुख उद्धव अगर द्रौपदी मुर्मू के नाम का समर्थन करते हैं तो उन्हें कांग्रेस और एनसीपी की नाराजगी का सामना करना होगा जबकि यशवंत सिन्हा का समर्थन करने पर उन्हें पार्टी के भीतर एक और बगावत का सामना करना पड़ सकता है।