प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह जमालुद्दीन शाह (कई जगह जलालुद्दीन शाह भी कहा गया है) उर्फ छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में कथित धर्मांतरण रैकेट की जांच के तहत की गई। छापेमारी में 12 स्थान उत्तर प्रदेश के उतरौला में और दो मुंबई में हैं। इस बाबा के बारे में ढेरों कहानियां पुलिस जांच के नजरिए से मीडिया में आ चुकी हैं। उसका एक दिलचस्प पहलू ये भी है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में बाबा का नाम लेकर कई बार बयान तक दे चुके हैं।
ईडी की यह कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू हुई और छांगुर बाबा के साथ-साथ उनके सहयोगी शहजाद शेख के ठिकानों पर केंद्रित रही। जांच में पता चला कि छांगुर बाबा के खातों से शहजाद शेख के खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में जमीन से संबंधित दस्तावेज और बिना हिसाब का नकद पैसा बरामद करने का दावा किया गया।
छांगुर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक आस्था की आड़ में विशाल संपत्ति अर्जित की। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में छांगुर बाबा को कथित सामूहिक धर्मांतरण रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने मध्य पूर्व और संभवतः पाकिस्तान से 500 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग प्राप्त की थी, जो 40 बैंक खातों में जमा थी।
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कौन है छांगुर बाबा 

70 वर्षीय जलालुद्दीन शाह, जो छांगुर बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के एक साधारण तावीज़ बेचने वाले से बड़े 'पीर' बन चुके हैं। आरोप है कि उन्होंने पिछले करीब 15 वर्षों में एक बड़े धार्मिक परिवर्तन रैकेट का संचालन किया, जिसमें कमजोर आर्थिक वर्गों, महिलाओं और नाबालिगों को प्रभावित कर इस्लाम में धर्मांतरण करवाया गया।
प्रमुख आरोप

  • धर्मांतरण के लिए अलग-अलग दरें तय करने वाला रेट कार्ड सिस्टम

  • महिलाओं को “ब्रह्मपानी” या नौकरी का झांसा देकर दुबई/सऊदी में ले जाना व फिर गायब कर देना

  • हनी‑ट्रैप, धमकी और सरकारी संपर्कों का दुरुपयोग 

  • नाबालिगों को भी निशाना बनाया गया, विदेशी यात्रा कराई गई
छांगुर बाबा और उनकी सहयोगी ‘नीतू’ उर्फ नसरीन को यूपी ATS ने 5 जुलाई को लखनऊ में हिरासत में लिया था। उनका 7 दिन का रिमांड मिला जो 16 जुलाई को खत्म हो गया। कोर्ट ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ा दी है। ताकि एटीएस ठीक से पूछताछ कर सके। पूछताछ में उन्होंने अपनी बेगुनाही दावा करते हुए कहा: “मैं बेकसूर हूं, मुझे कुछ नहीं पता।”
छांगुर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक आस्था की आड़ में विशाल संपत्ति अर्जित की। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने मध्य पूर्व और संभवतः पाकिस्तान से 500 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग प्राप्त की थी, जो 40 बैंक खातों में जमा थी।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने कथित तौर पर कमजोर लोगों को लालच देकर और जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया। गाजियाबाद की एक महिला ने आरोप लगाया कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगी बदर अख्तर सिद्दीकी ने उनकी बहन को दुबई में नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया और बाद में वह लापता हो गई।
ईडी की जांच में छांगुर बाबा की संपत्तियों, जिसमें बलरामपुर और पुणे में करोड़ों रुपये की अवैध संपत्तियां शामिल हैं, पर भी ध्यान केंद्रित है। उनकी एक शानदार हवेली, जो कथित तौर पर धर्म परिवर्तन परामर्श के लिए इस्तेमाल होती थी, को जिला प्रशासन ने हाल ही में बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। हालांकि बुलडोजर न्याय पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस जारी की थीं।

योगी आदित्यनाथ की दिलचस्पी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छांगुर बाबा का नाम लेते हुए उनकी गतिविधियों को "समाज विरोधी" और "राष्ट्र विरोधी" करार दिया। द हिन्दू अखबार के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (8 जुलाई, 2025) को एक्स पर कहा कि योगी आदित्यनाथ ने लिखा- "हमारी सरकार हमारी बहनों-बेटियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियाँ न केवल समाज-विरोधी हैं, बल्कि राष्ट्र-विरोधी भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था के प्रति कोई ढील नहीं बरतेगी। आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्ति ज़ब्त की जाएगी और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
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हालांकि यूपी के सीएम तमाम मुद्दों पर चुप रहते हैं लेकिन इस मामले में उनका बयान आया। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि वो इस मामले की अपडेट लेते रहते हैं। योगी आदित्यनाथ इससे पहले लव जिहाद के खिलाफ अभियान चला चुके हैं, धर्मांतरण के खिलाफ कानून ला चुके हैं। छांगुर बाबा का केस योगी आदित्यनाथ के एजेंडे पर पूरी तरह फिट बैठ रहा है, इसीलिए उन्होंने शायद बयान दे डाला है। हालांकि भारत की किसी अदालत ने छांगुर बाबा को दोषी करार नहीं दिया है।