दार्जिलिंग में भारी बारिश और बाढ़ से 14 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। हज़ारों पर्यटक फँसे हुए हैं और प्रशासन ने उन्हें बचाव तक सुरक्षित जगहों पर रहने की सलाह दी है।
उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग पहाड़ियों में भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मौत का आँकड़ा 14 को पार कर गया है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24/7 कंट्रोल रूम की शुरुआत की और स्थिति की निगरानी का आश्वासन दिया। उन्होंने पर्यटकों को बचाव टीम के आने तक वहीं रहने की सलाह देते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके बचाव का पूरा खर्च वहन करेगी। ममता सोमवार को मुख्य सचिव के साथ उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी, जहां हजारों पर्यटक फंस चुके हैं। यह आपदा दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और माटीगारा जैसे जिलों को बुरी तरह प्रभावित कर रही है, जहां दो लोहे के पुल ढह चुके हैं और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
भारी बारिश से भूस्खलन और बाढ़ का कहर
शनिवार रात से रविवार सुबह तक उत्तर बंगाल में 12 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे संकोश नदी में भूटान और सिक्किम से अतिरिक्त जलप्रवाह होने लगा। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में कई जगह भूस्खलन हो गए, जिसमें घर बह गए, सड़कें कट गईं और दूर-दराज गांवों का संपर्क कट गया। दार्जिलिंग उप-विभागीय अधिकारी यानी एसडीओ रिचर्ड लेपचा ने बताया कि धर गाँव, नागराकाटा में भूस्खलन से कई घर मिट्टी में दब गए जहां से 40 से अधिक लोगों को मलबे से बचाया गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ़ की टीम बचाव कार्य में जुटी है, लेकिन खराब मौसम और क्षतिग्रस्त सड़कों से चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग एसएच-12 सड़क पर दूढ़िया लोहे के पुल का एक हिस्सा ढह गया, जिससे वाहनों का आवागमन बंद हो गया। ममता ने एक्स पर लिखा, 'मैं बेहद चिंतित हूँ कि उत्तर और दक्षिण बंगाल के कई इलाके रात में अचानक भारी बारिश और बाहरी नदियों से अतिरिक्त जल के कारण बाढ़ग्रस्त हो गए हैं।'
दार्जिलिंग में हजारों पर्यटक फँस गए हैं। सड़कें बंद होने से सिक्किम जाने का रास्ता भी कट गया। राज्य सरकार ने पर्यटकों को हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ममता ने कहा, 'पर्यटक घबराएं नहीं, वहीं रहें। पुलिस और बचाव दल उन्हें सुरक्षित निकालेंगे।'
ममता सोमवार को करेंगी दौरा
ममता ने रविवार को मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी, गृह सचिव बी.पी. गोपालिका, डीजीपी और उत्तर बंगाल के जिलाधिकारियों व एसपी के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने 24/7 कंट्रोल रूम खोलने का आदेश दिया, जहां लोग शिकायत दर्ज करा सकेंगे। ममता ने लिखा, 'मैं रात से ही स्थिति की निगरानी कर रही हूँ। हमारे अधिकारी और पुलिस सभी प्रभावितों को हर सहायता देंगे।' उन्होंने मृतकों के परिवारों को तत्काल सहायता भेजने का वादा किया, हालांकि राशि का खुलासा नहीं किया।
ममता सोमवार को मुख्य सचिव के साथ उत्तर बंगाल जाएंगी, जहां वे प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेंगी। उन्होंने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से जानकारी ले रही हूं और निर्देश दे रही हूं।' बैठक में विधायक गौतम देब और अनीत थापा जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। राज्य सरकार ने दूढ़िया पुल के पुनर्निर्माण और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए तत्काल फंड जारी करने का फैसला लिया।
बचाव और राहत कार्य
बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। दार्जिलिंग एसडीओ ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया टीमों के सहयोग से राहत पहुँचाई जा रही है। नागराकाटा में मलबे से 40 लोगों को बचाया गया। दक्षिण बंगाल के जिलों जैसे हावड़ा, हुगली, पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया और बांकुड़ा में भी बाढ़ जैसी स्थिति है, लेकिन उत्तर बंगाल ज्यादा प्रभावित है।
पर्यटकों के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ममता ने कहा, 'राज्य सरकार पर्यटकों के बचाव का पूरा खर्च वहन करेगी। वे हड़बड़ी में कुछ न करें जो खतरे में डाल दे।' हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के आधार पर पुलिस टीमें तैनात की गई हैं। सिलीगुड़ी में राहत शिविर खोले गए हैं, जहां फंसे लोगों को भोजन और चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।
केंद्र का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'दार्जिलिंग में बारिश और भूस्खलन से हुई मौतों से गहरा दुख हुआ। स्थिति की नज़र रख रहा हूं।' राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और कालिम्पोंग का दौरा करने का ऐलान किया।
यह आपदा मिरिक, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, माटीगारा और अलीपुरद्वार में भारी तबाही मचा रही है। दो लोहे के पुल ढह चुके हैं, सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और बड़े इलाके जलमग्न हो गए हैं। एक प्रभावित निवासी ने कहा, 'बारिश रुकी नहीं, घर बह गए। पर्यटक भी फंसे हैं, सबको मदद चाहिए।' चाय बागानों और पर्यटन उद्योग को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।