श्री स्वर्ण मंदिर साहिब में हुई बेअदबी यकीनन निंदनीय और असहनीय है लेकिन इस सवाल का जवाब कौन देगा कि किसी को पीट-पीटकर मार देना कहां तक जायज है?
पंजाब में मज़बूत स्थिति में दिखती रही आम आदमी पार्टी से एक के बाद एक विधायक पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं? जानिए, रूपिंदर कौर रूबी ने अब पार्टी छोड़ने की वजह क्या बताई।
केदारनाथ की यात्रा पर चरणजीत सिंह चन्नी के साथ-साथ दिखे नवजोत सिंह सिद्धू फिर से क्यों ललकारने लगे हैं? लगातार वह कांग्रेस के लिए विवाद क्यों खड़े कर रहे हैं और क्या पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाकर ग़लती कर दी?
क्या नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बीच कोई समझौता हो गया है। क्या सिद्धू किसी समझौते को मानेंगे?
नवजोत सिंह सिद्धू ने पहले दिन से चरणजीत सिंह चन्नी पर दबाव बनाने की कोशिश की है लेकिन शायद चन्नी अब उन्हें जवाब देने के लिए तैयार हैं।
पंजाब में चुनाव मुंह के सामने हैं। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सब लोगों को जोड़कर पार्टी को चुनाव जिताने के काम में जुटना चाहिए लेकिन वह आए दिन कोई न कोई मुसीबत खड़ी कर देते हैं।
हुकूमत किसी भी रहनुमा की रही हो, राहत इंदौरी की ग़ज़ल ने किसी को नहीं बख्शा।
डेरा सच्चा सौदा सिरसा और इसके मुखी गुरमीत राम रहीम सिंह का नाम अब नए विवाद में सामने आया है।
खालिस्तान के लिए रेफरेंडम-2020 के लिए शुरू किए जा रहे पंजीकरण के प्रतिबंधित सिख्स फ़ॉर जस्टिस के अभियान को पंजाबियों ने पूरी तरह नकार दिया है।
पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारा फिर से खोल कर भारत के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है। इसे मोदी की कूटनीतिक हार के रूप में देखा जा रहा है।
आज यानी 30 जून को बाबा नागार्जुन का जन्मदिवस है। वह जनवादी-प्रगतिशील हिंदी और मैथिली कविता के अप्रीतम हस्ताक्षर हैं जिनका साहित्य और जीवन खिली हुई धूप सरीखा था।
पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फ़ैसला कर फिर साफ़ कर दिया है कि वह भारत को दिक्क़त में डालने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता।
कृषि अध्यादेश-2020 को लेकर पंजाब की सियासत गर्म है। सभी पार्टियों ने इसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे सकती हैं।
क्या अब खालिस्तानी चीन की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं? सिख़्स फ़ॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ख़त लिखा है।
पंजाब गमगीन और गौरवान्वित है। सूबे के चार सपूतों ने पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहादत पाई है।
14 जून 1928 में जन्म लेने वाले अर्जेंटीनियाई क्रांतिकारी, विलक्षण गुरिल्ला नेता अर्नैस्तो चे ग्वेरा क्रांति के ऐसे जीवंत हस्ताक्षर थे- वह जहाँ चले राहें बनतीं गईं।
पंजाब के पठानकोट में लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया है कि कश्मीर में आतंकवाद को जारी रखने के लिए पाकिस्तान पंजाब को अड्डा बना रहा है।
एसजीपीसी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल के अकाली दल के कोर कमेटी का सदस्य बनने के बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या अकाली दल अब 'धर्म और राजनीति' के पुराने एजेंडे पर वापस लौट रहा है।
एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने खालिस्तान का खुला समर्थन करके पंजाब की राजनीति में नया तूफान ला दिया है।
श्री अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने खालिस्तान पर बड़ा बयान दिया है। इससे पहले स्वर्ण मंदिर के आगे पुलिस और सिख कट्टरपंथियों में तीखी झड़प हुई।
केंद्र की नई कृषि नीति का पंजाब में जोरदार विरोध हो रहा है। शिअद, आप सहित किसान संगठन इस नीति के ख़िलाफ़ हैं। अमरिंदर सिंह ने भी इसे खारिज कर दिया है।
केंद्र के कृषि सेवा अध्यादेश-2020 की घोषणा के साथ ही पंजाब में इसका बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। बीजेपी का गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी इसके ख़िलाफ़ मुखर है।
पंजाब के ज़िला लुधियाना में मुसलिम परिवार ने हिंदू लड़की के अभिभावकों की भूमिका निभाते हुए उसका कन्यादान किया और हिंदू रीति-रिवाज़ों के मुताबिक़ विवाह की तमाम रस्में पूरी कीं।
जून, 1984 में हुआ ऑपरेशन ब्लू स्टार सिखों और पंजाबियों के लिए ऐसा दर्द है, जिसे शायद वे कभी नहीं भुला पाएंगे। लेकिन यह सवाल आज भी सामने खड़ा है कि आख़िर ऑपरेशन ब्लू स्टार का असली गुनहगार कौन है?
हर्फ़ों के ज़रिए मुख़ालिफ़त के लिए कई क़लमकारों को यातना शिविरों में डाला गया। हिंदुस्तान में ऐसा सबसे बड़ा नाम मजरूह सुल्तानपुरी का था। उन्होंने आज़ाद क़लम की हिफ़ाज़त के लिये जेल जाना मंज़ूर किया, झुकना नहीं।
लॉकडाउन के कारण एक तो पंजाब में प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है, दूसरा उन्हें पुलिसिया जुल्म का भी शिकार होना पड़ रहा है।