पंजाब के सियासी गलियारों में शिद्दत से पूछा जा रहा है कि आखिर इस सूबे में कांग्रेस को कौन-सा 'ग्रहण' लग गया है? इसलिए भी कि पार्टी अंतरकलह से बाहर ही नहीं आ पा रही। चार दिन तक पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्त अरूसा आलम का मामला तूल पकड़ा तो अब खुद पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ हमलावर हैं। उधर, वरिष्ठ नेता तथा आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी भी मैदान में हैं।

पंजाब में चुनाव मुंह के सामने हैं। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सब लोगों को जोड़कर पार्टी को चुनाव जिताने के काम में जुटना चाहिए लेकिन वह आए दिन कोई न कोई मुसीबत खड़ी कर देते हैं।
सिद्धू के तेवर बरकरार
कांग्रेस आलाकमान की तमाम कवायद के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने तेवर ढीले नहीं किए। ताजा घटनाक्रम में उन्होंने कहा कि, "मैं सरकार को असली मुद्दों से पीछे हटने नहीं दूंगा। इसके लिए लगातार संघर्ष करता रहूंगा। लोग जिन मुद्दों के पूरा होने का लंबे अरसे से इंतजार कर रहे हैं, उन मुद्दों को मैं पहले भी उठाता रहा हूं और आगे भी उठाता रहूंगा।"
सिद्धू ने राज्य सरकार को एक बार फिर लंबित मुद्दे याद दिलाए और पार्टी को भी चेताया कि ऐसा न हो कि हम पंजाब को संवारने का आखिरी मौका भी गंवा दें।