बांग्लादेश: भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते मज़बूत रहे हैं। 1971 के मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका बांग्लादेश के लिए अहम थी। लेकिन हसीना सरकार के तख्तापलट और मोहम्मद युनूस के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के बाद बांग्लादेश के साथ संबंध बेहद ख़राब हो गए हैं।
श्रीलंका: भारत और श्रीलंका के बीच संबंध आम तौर पर मैत्रीपूर्ण रहे हैं। भारत ने श्रीलंका को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की है, विशेष रूप से 2004 की सुनामी और हाल के आर्थिक संकट के दौरान। हालांकि, चीन के बढ़ते निवेश और श्रीलंका पर कर्ज के बोझ ने भारत के लिए चुनौतियां पैदा की हैं।
नेपाल: भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध हैं। भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहायता देता है। हालाँकि, नेपाल में चीन का बढ़ता प्रभाव और सीमा विवाद ने संबंधों में कुछ तनाव पैदा किया है।
पाकिस्तान: भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। कश्मीर मुद्दा, सीमा पार आतंकवाद और ऐतिहासिक विवाद दोनों देशों के बीच सहयोग की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर लगातार घेरा है।
चीन: भारत और चीन के बीच संबंध जटिल हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और प्रतिस्पर्धात्मक जियो पॉलिटिकल हित तनाव का कारण बनते हैं। चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और दक्षिण एशिया में उसका बढ़ता प्रभाव भारत के लिए रणनीतिक चुनौती है।
भूटान: भारत और भूटान के बीच संबंध अत्यंत मज़बूत और मैत्रीपूर्ण हैं। भारत भूटान को आर्थिक और सैन्य सहायता देता है, और भूटान भारत की क्षेत्रीय रणनीति का एक अहम हिस्सा है।
मालदीव: भारत और मालदीव के बीच संबंध हाल के वर्षों में उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। मालदीव में चीन के बढ़ते निवेश और प्रभाव ने भारत के लिए चिंता पैदा की है, लेकिन हाल ही में मालदीव की सरकार ने भारत के साथ संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में क़दम उठाए हैं।