नेपाल की प्रति व्यक्ति आय 1,456 अमेरिकी डॉलर (2024) है, जो बांग्लादेश (2,688 डॉलर) और श्रीलंका (3,342 डॉलर) से कम है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल 2024 की रिपोर्ट में नेपाल का भ्रष्टाचार सूचकांक स्कोर 34/100 है, और यह 180 देशों में 107वें स्थान पर है। 84% नेपाली भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या मानते हैं। 2023 में महंगाई दर 7.1% थी, जो खाद्य और ईंधन की कीमतों के कारण बढ़ी। ये आर्थिक चुनौतियाँ और भ्रष्टाचार जनता के असंतोष की जड़ हैं।
के.पी. शर्मा ओली का सफ़र
के.पी. शर्मा ओली (जन्म: 1952, तेह्राथुम) कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (CPN-UML) के अध्यक्ष हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा 1966 में शुरू हुई:
- 1970-1987: पंचायती शासन के खिलाफ आंदोलन, 14 साल जेल में रहे।
- 1991-2008: झापा से सांसद, 1994-95 में गृह मंत्री, 2006-07 में उप-प्रधानमंत्री।
- 2014: CPN-UML के अध्यक्ष बने।
- प्रधानमंत्री कार्यकाल: चार बार - 2015-16, 2018-21, और 2024-25।
ओली ने राष्ट्रीयता और बुनियादी ढांचे पर जोर दिया, लेकिन भ्रष्टाचार और अधिनायकवादी शैली के आरोपों ने उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया। 2025 के आंदोलन ने उनकी सरकार को उखाड़ फेंका।
दक्षिण एशिया में अस्थिरता
नेपाल की तरह, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी हाल में जन आंदोलनों ने सत्ता बदली:
श्रीलंका (2022): आर्थिक संकट और अरागलया आंदोलन ने मई 2022 में महिंदा राजपक्षे और जुलाई 2022 में गोटबाया राजपक्षे को सत्ता से हटाया। सितंबर 2024 में अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्रपति बने।
बांग्लादेश (2024): 5 अगस्त 2024 को छात्र आंदोलनों ने शेख हसीना को सत्ता छोड़ने पर मजबूर किया। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी।
तीनों देशों में भ्रष्टाचार, महंगाई, और आर्थिक असमानता ने जनता को सड़कों पर उतारा। नेपाल में सत्ता परिवर्तन श्रीलंका और बांग्लादेश की तर्ज पर हुआ, लेकिन राजशाही की वापसी की माँग कमजोर है।