दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि दिल्ली दंगों के संबंध में एक मामले की जांच हैरान करने वाली थी। इसने कहा कि अभियोजन पक्ष ने दंगाइयों द्वारा जिन व्यक्ति को गोली मारी गई उसको उसके ही मामले में आरोपी बनाने की मांग की।
दिल्ली दंगे- जांच में पीड़ित को ही आरोपी बनाने की कोशिश: कोर्ट
- दिल्ली
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- 24 Aug, 2022
दिल्ली दंगों के पीड़ितों को ही क्या आरोपी बनाया जा रहा है? इसकी जाँच में पुलिस की भूमिका पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब कोर्ट ने जो टिप्पणी की है उससे क्या पुलिस सबक लेगी?

प्रतीकात्मक तसवीर
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मंगलवार को इस मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत नौ लोगों को आरोपमुक्त कर दिया और कहा कि इस मामले में केवल दंगे से संबंधित धाराएँ लगाई गई हैं। कोर्ट ने कहा, 'हालाँकि, जाँच पूरी तरह से हैरान करने वाली है क्योंकि अभियोजन पक्ष ने आईपीसी की धारा 307 के तहत आठ पर आरोप लगाया है, यह आरोप घायल बिट्टू की हत्या के प्रयास के लिए लगाया गया है जबकि इस मामले में दंगा के अपराध के लिए बिट्टू को आरोपी भी बनाया गया है।'