पिछले कुछ वर्षों से ये लगातार प्रचारित किया जा रहा है कि बीजेपी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को जोड़ने में कामयाब रही है और उसकी राजनीतिक सफलता की सबसे बड़ी नहीं तो एक महत्वपूर्ण वज़ह ये भी है। कहा ये जा रहा है कि पचासों साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषंगिक संगठन इन वर्णों और वर्गों को जोड़ने की मुहिम में जुटे हुए थे। उनकी इन अनवरत् कोशिशों का परिणाम ही था कि बीजेपी केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई।