देश के सबसे छोटे राज्यों में से एक गोवा की विधानसभा के लिए चुनाव 14 फ़रवरी यानी वेलेंटाइन डे को होना है लेकिन उसके पहले ही गोवा के तमाम दावेदार और विधायक नये नये दलों के साथ प्रपोज करके पाला बदल रहे हैं। गोवा में अब तक दस विधायक और मंत्री पार्टियाँ बदल चुके हैं। सबसे तगड़ा झटका बीजेपी को लगा है जहाँ उसके एक साथ एक मंत्री और दो विधायक कांग्रेस में चले गये।
'आयाराम गयाराम' में उलझी गोवा की राजनीति; बीजेपी फायदे या घाटे में?
- गोवा
- |
- |
- 12 Jan, 2022

माइकल लोबो
कुछ हफ़्ते पहले कांग्रेस के नेता तृणमूल में शामिल हुए थे तो अब बीजेपी के मंत्री और कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। आख़िर चुनाव से पहले गोवा की राजनीति में क्या चल रहा है?
बीजेपी का ग्रामीण और क्रिशिचियन चेहरा माने जाने वाले मंत्री माइकल लोबो ने यह कहते हुए बीजेपी छोड़ दी है कि अब वहाँ जगह नहीं रही तो प्रसाद गांवकर और प्रवीण जांटये जैसे विधायक भी बीजेपी को राम राम कर चुके हैं। अब बीजेपी अपने आप को बचाने के लिए फिर से कांग्रेस और कई जगहों से तोड़ने में लगी है। अब तक के खेल से इतना तो साफ़ हो गया है कि इस बार भी किसी को बहुमत नहीं मिलने वाला और चुनाव के बाद ये तोड़फोड़ और तेज होगी। गोवा में चुनाव के पहले और चुनाव के बाद पाला बदलने की परंपरा बहुत पुरानी है। इसलिए यहां कोई सीएम शायद ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाता है।