Y Puran Kumar Case: आईपीएस वाई पूरन कुमार खुदकुशी केस से जुड़े कई घटनाक्रम सामने आए हैं। उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार ने पोस्टमॉर्टम की इजाज़त दे दी है। जींद की खाप पंचायतों ने न्यायिक जांच की मांग की है। मृत एएसआई संदीप लाठर से जुड़े सवाल गहराए।
दलित आईपीएस की खुदकुशी का मामलाः अमनीत ने पोस्टमॉर्टम को मंजूरी दी।
वाई पूरन कुमार केस: बुधवार का ताज़ा घटनाक्रम
- वाई पूरन कुमार की पत्नी ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी; बयान जारी किया
- चंडीगढ़ पीजीआई ने वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमॉर्टम शुरू
- रोहतक एएसआई की एफआईआर पर सुसाइड नोट को लेकर गतिरोध के कारण पोस्टमार्टम रुका
- रोहतक के लाढ़ौत गांव में ग्रामीणों की रैली
- खाप पंचायकों ने आईपीएस अधिकारी की मौत की न्यायिक जांच की मांग की
- रोहतक में एएसआई संदीप लाठर ने खुदकुशी की। वाई पूरन कुमार पर करप्शन के आरोप लगाए
- एएसआई संदीप ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व एसपी नरेंद्र बिजरनिया को ईमानदार बताया
- राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में मंंगलवार को पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की
- नेता विपक्ष राहुल गांधी ने परिवार की मांगों का समर्थन किया और कार्रवाई की मांग की
- एक हफ्ता बीतने के बावजूद पूरन कुमार के शव का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार नहीं हो सका है
- पीएम मोदी का 17 अक्टूबर का सोनीपत दौरा दलितों के गुस्से की वजह से रद्द कर दिया गया है
- पूरन कुमार की आएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार दोनों आरोपी अफसरों पर कार्रवाई चाहती हैं
- मायावती, चंद्रशेखर आजाद, रामदास आठवले सहित लगभग सभी दलित नेताओं ने परिवार से हमदर्दी जताई
मृतक आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार ने पति के शव के पोस्टमॉर्टम की इजाज़त दे दी है। चंडीगढ़ पीजीआई में पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है। इससे पहले परिवार ने बुधवार सुबह मोर्चरी में जाकर वाई पूरन कुमार के शव की पहचान की थी। यह एक तकनीकी प्रक्रिया होती है। बाद में पूरन कुमार की पत्नी अमनीत ने एक बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने निष्पक्ष जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दिए गए आश्वासन और हरियाणा सरकार द्वारा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है। इस बीच रोहत के लढ़ौत गांव में कुछ ग्रामीण एएसआई संदीप लाठर की खुदकुशी को मुद्दा बना रहे हैं, जबकि संदीप की संदिग्ध खुदकुशी को लेकर सवाल बने हुए हैं। उधर, जींद में कंडेला समेत कई खाप पंचायतों ने वाई पूरन कुमार मामले की न्यायिक जांच क मांग की है।
अपने बयान में अमनीत ने आगे लिखा है, “समय पर पोस्टमार्टम के सबूत के महत्व को ध्यान में रखते हुए और न्याय के व्यापक हित में, मैंने इसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सहमति दी है। जिसमें डॉक्टरों का बोर्ड होगा, एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ की मौजूदगी होगी, एक मजिस्ट्रेट की देखरेख में और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने के साथ यह सहमति दी गई है।
अमनीत ने बयान में यह भी कहा है- मुझे न्यायपालिका और पुलिस अधिकारियों पर पूरा भरोसा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि जाँच प्रोफेशनल, निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से की जाएगी ताकि कानून के अनुसार सच्चाई सामने आए। जांच दल (एसआईटी) को मेरा पूरा सहयोग मिलता रहेगा ताकि प्रक्रिया में तेजी आए और जल्द से जल्द न्याय मिले।
अमनीत ने कहा- "चल रही जांच को देखते हुए, इस स्तर पर कोई और सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया जाएगा, और मैं मीडिया से अनुरोध करती हूं कि वे मामले की संवेदनशीलता का सम्मान करें।"
एएसआई संदीप लाठर मामले में ग्रामीण अड़े, शव पुलिस को देने से इनकार
हरियाणा पुलिस के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) संदीप कुमार लाठर के पोस्टमार्टम को लेकर गतिरोध जारी है। उन्होंने मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी। उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी मांगें पूरी होने तक शव पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया है। संदीप का शव फिलहाल लाढ़ौत गांव में उसके मामा के घर पर रखा गया है।
परिवार संदीप के सुसाइड नोट में नामजद लोगों के साथ-साथ दिवंगत वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के समर्थकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहा है। पूरन कुमार ने भी एक सप्ताह पहले चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली थी। संदीप उस टीम का हिस्सा थे जिसने पूरन कुमार के अधीनस्थ सुशील कुमार को रोहतक में एक स्थानीय शराब व्यवसायी से जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया था।
संदीप के चचेरे भाई संजय ने कहा, "जब तक सुसाइड नोट में जिन लोगों का ज़िक्र है, उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज नहीं हो जाता, हम शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं सौंपेंगे। पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमारे भाई ने भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश करने के लिए अपनी जान दे दी है।"
रोहतक के एएसपी प्रतीक अग्रवाल, एसडीएम आशीष कुमार और अन्य अधिकारी मंगलवार रात परिवार से मिलने गए और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए मनाने की कोशिश की। हालाँकि, परिवार अपनी माँग पर अड़ा हुआ है। गाँव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और परिवार के समर्थन में लोग लाढ़ौत गाँव में संदीप के मामा के घर जमा हो गए हैं। अधेड़ उम्र के एएसआई संदीप लाठर ने मंगलवार दोपहर लाढ़ौत गाँव के बाहरी इलाके में एक कमरे में अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
वह रोहतक एसपी कार्यालय के साइबर सेल में तैनात थे। घटनास्थल से चार पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें संदीप ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और जातिगत उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, संदीप ने अपनी मौत से पहले एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसकी पुलिस अब जाँच कर रही है। 6.28 मिनट के इस वीडियो में, उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारनिया की तारीफ करते हुए उन्हें "ईमानदार अधिकारी" बताया।
एएसआई संदीप लाठर की खुदकुशी भी संदिग्ध बन गई है और उसे लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि जब संदीप लाठर पूरन कुमार के कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे थे तो फिर उन्हें खुदकुशी करने की ज़रूरत क्यों पड़ी। अगर संदीप लाठर ने पूरन कुमार के खिलाफ सबूत जुटा लिए थे तो क्या उन्होंने वो सबूत या तथ्यों की जानकारी अपने ऊपर के अफसरों को दी, किसी दस्तावेज या जांच डायरी में उसे दर्ज किया। संदीप लाठर द्वारा लिखे गए कथित सुसाइड नोट की अभी उनकी हैंडराइटिंग से पड़ताल की जानी बाकी है। कुल मिलाकर संदीप लाठर की खुदकुशी का मामला बहुत ही संदिग्ध बन गया है। पूरन कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजरनिया पर जातिगत उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। लेकिन संदीप लाठर को इन दोनों अधिकारियों की तारीफ की ज़रूरत क्यों पड़ी। इस मामले को जाट बनाम दलित बनाने की साजिश हरियाणा के कुछ आला अफसर क्यों कर रहे हैं, क्या वे पूरे मामले को जाट-दलित के बीच उलझाकर पूरन कुमार के आरोपों से ध्यान हटाना चाहते हैं।
माजरा और कंडेला खाप ने न्यायिक जांच की मांग की
जींद जिले की दो प्रमुख खाप पंचायतों - माजरा खाप और कंडेला खाप - ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा कार्यरत किसी जज से जांच कराई जाए। इस पूरे मामले ने हरियाणा में राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरम कर दिया है। बता दें कि माजरा और कंडेला खाप ने किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।गुरविंदर सिंह संधू की अध्यक्षता में माजरा खाप पंचायत ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए एक शोक प्रस्ताव पारित किया और राज्य सरकार पर मामले को "गलत तरीके से संभालने" का आरोप लगाया। खाप नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी अनिर्णय ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
खाप कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह संधू ने कहा, "राज्य सरकार इस मुद्दे पर टालमटोल कर रही है, जिससे पूरा मामला और जटिल होता जा रहा है।" उन्होंने अधिकारियों से "मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने" का आग्रह किया। खाप नेता गुरविंदर सिंह संधू और महेंद्र सिंह सहराण ने कहा कि दिवंगत आईपीएस अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में कई लोगों के नाम लिए थे, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया, "सरकार ताकतवर अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही है।"
माजरा खाप के प्रवक्ता समुंदर सिंह फोर ने एक मौजूदा जज की अध्यक्षता में जूडिशल कमेटी के गठन की मांग की, जिसकी रिपोर्ट एक निश्चित समय सीमा में आए। उन्होंने शांति की अपील करते हुए कहा, "दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।"
डीजीपी, बड़े पुलिस अफसरों को बचाया जा रहा हैः कंडेला खाप
ओम प्रकाश कंडेला की अध्यक्षता वाली कंडेला खाप पंचायत ने भी शोक व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और एक कार्यरत जज की निगरानी में समयबद्ध न्यायिक जाँच की माँग की। खाप नेताओं ने सरकार पर डीजीपी समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया। सुसाइड नोट में स्पष्ट नामों के बावजूद सरकार की "निष्क्रियता" पर सवाल उठाते हुए कंडेला खाप नेताओं ने कहा, "वरिष्ठ अधिकारियों और सत्ताधारी दल के बीच मिलीभगत प्रतीत होती है।" दोनों खापों ने शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त की और कहा कि परिवार कई दिनों से अधिकारी के शव के साथ कार्रवाई का इंतज़ार कर रहा था। प्रस्तावों के अंत में कहा गया, "राज्य को न्यायिक जाँच का आदेश देने में संकोच नहीं करना चाहिए।"