अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ से मंकीपॉक्स वायरस का नाम बदलने के लिए कहा है। इसने कहा है कि इस नाम से नस्लवाद और कलंक जुड़ा है। इस कलंक को ठीक उस तरह से देखा जा सकता है जिसमें कोरोना वायरस के नये वैरिएंट के नाम को लेकर विवाद उठा था। नये वैरिएंट का जिस देश में पता चल रहा था उस देश के नाम से इसको बुलाया जाने लगा था और इस पर संबंधित देशों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। ऐसा करने वालों में भारत भी था।
अब 'मंकीपॉक्स' का नाम बदलने की मांग क्यों होने लगी?
- स्वास्थ्य
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- 27 Jul, 2022
मंकीपॉक्स वायरस का नाम बदलने के लिए न्यूयॉर्क शहर ने क्यों प्रयास शुरू किया है? जानिए उसने इसके लिए डल्बल्यूएचओ के सामने क्या तर्क रखा है।

भारत सरकार ने पिछले साल मई महीने में बी.1.617 को लेकर आपत्ति जताई थी। कोरोना के नये वैरिएंट पर विवाद के बीच ही डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए एक समूह का गठन किया था। समूह ने सिफारिश की थी कि नये वैरिएंट के लिए ग्रीक वर्णमाला के अक्षरों- अल्फा, बीटा, गामा आदि उपयोग किया जाए। समूह की ओर से कहा गया था कि यह ग़ैर-वैज्ञानिक गतिविधियों में चर्चा करने के लिए आसान और अधिक व्यावहारिक होगा। बाद में यही नाम प्रचलन में रहे।