राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव चुराए गए हैं और देश की चुनाव प्रणाली अब ख़त्म हो चुकी है। क्या भारत का लोकतंत्र ख़तरे में है? जानिए उनके बयान के राजनीतिक मायने।
लोकसभा चुनाव में धांधली हो सकती है और हुई भी, चुनाव प्रणाली मृत: राहुल गांधी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर
धांधली के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत की चुनाव प्रणाली 'पूरी तरह से मृत' हो चुकी है और उन्होंने इसके समर्थन में ठोस सबूत होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने 6.5 लाख वोटरों में से 1.5 लाख फर्जी वोटरों का पता लगाया है और यह सबूत चुनाव आयोग से मिले दस्तावेजों पर आधारित हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'लोकसभा चुनाव कैसे चुराया जाता है? हमने 6.5 लाख वोटरों की जांच की और पाया कि 1.5 लाख वोटर फर्जी थे। यह सब दस्तावेजों में दर्ज है। हमने चुनाव आयोग से फिजिकल डॉक्यूमेंट प्राप्त किए हैं। भारत की चुनाव प्रणाली मृत हो चुकी है। याद रखें, भारत के प्रधानमंत्री बहुत मामूली बहुमत के साथ सत्ता में हैं। अगर 15 सीटों पर धांधली नहीं हुई होती तो वह प्रधानमंत्री नहीं होते। हमें संदेह है कि यह संख्या 70 से 100 के क़रीब है। हम आपको साबित करेंगे कि लोकसभा चुनाव में धांधली हो सकती है और हुई भी है। वह संस्था जो इसे आयोजित करती है, इसकी रक्षा करती है और इसका बचाव करती है, उसे पूरी तरह से हथिया लिया गया है। मेरे पास अब 100 प्रतिशत सबूत हैं।'
राहुल गांधी दिल्ली में आयोजित 'संवैधानिक चुनौतियाँ - दृष्टिकोण और रास्ते' विषय पर एक वार्षिक लीगल कॉन्कलेव में बोल रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने छह महीने की गहन जांच के बाद यह सबूत जुटाए हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी जल्द ही पूरे देश के सामने यह साबित करेगी कि चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संस्था नहीं रहा। उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसा सबूत है जो पूरे देश को दिखाएगा कि चुनाव आयोग का अस्तित्व खत्म हो चुका है। इसे हथिया लिया गया है। हमें यह सबूत जुटाने में छह महीने का अथक परिश्रम करना पड़ा। आप बिना किसी संदेह के देखेंगे कि लोकसभा चुनाव कैसे चुराया गया।'
2014 के चुनाव से ही संदेह
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों से ही भारत की चुनाव प्रणाली में कुछ गड़बड़ होने का संदेह था। उन्होंने गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की भारी जीत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'मुझे 2014 से ही संदेह था कि कुछ गलत हो रहा है। गुजरात विधानसभा चुनावों में मुझे शक हुआ। बीजेपी की इस तरह की भारी जीत की क्षमता ने मुझे हैरान किया। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, यह मेरे लिए चौंकाने वाला था।'
महाराष्ट्र में असामान्य मतदाता वृद्धि
राहुल गांधी ने विशेष रूप से महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों का जिक्र किया, जहां उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में एक करोड़ नए वोटर अचानक प्रकट हुए, जिनमें से अधिकांश ने बीजेपी को वोट दिया। उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में हमने जीत हासिल की थी। लेकिन चार महीने बाद हम सिर्फ हारे नहीं, बल्कि पूरी तरह से खत्म हो गए। तीन मजबूत पार्टियां अचानक गायब हो गईं।
हमने चुनावी गड़बड़ियों की गंभीरता से जांच शुरू की। हमें पता चला कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच एक करोड़ नए वोटर जुड़े। इनमें से अधिकांश वोट बीजेपी को गए।'
चुनाव आयोग पर सवाल
राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने एक दिन पहले भी बीजेपी के लिए वोट चोरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संवैधानिक संस्था अब स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के पास ऐसे सबूत हैं जो यह साबित करेंगे कि चुनाव आयोग बीजेपी के पक्ष में 'वोट चोरी' में शामिल है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि चुनाव आयोग इस वोट चोरी में शामिल है। मैं यह हल्के में नहीं कह रहा। जब हम यह सबूत जारी करेंगे तो पूरा देश जान जाएगा कि चुनाव आयोग बीजेपी के लिए वोट चोरी कर रहा है।'
महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में 39 लाख नए वोटर जोड़े गए, जो पिछले पाँच वर्षों में जोड़े गए 32 लाख वोटरों से अधिक है। उन्होंने कहा कि यह असामान्य वृद्धि संदेह पैदा करती है।
राहुल गांधी ने मतदान के दिन शाम 5 बजे के बाद मतदान प्रतिशत में 7.83 प्रतिशत की असामान्य वृद्धि का भी जिक्र किया, जो लगभग 76 लाख अतिरिक्त वोटों के बराबर है।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार करार देते हुए खारिज किया है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में वृद्धि एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है और इसमें कोई अनियमितता नहीं है। आयोग ने यह भी कहा कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी थी और सभी राजनीतिक दलों के मतदान एजेंट मौजूद थे। आयोग ने राहुल गांधी से अपने आरोपों को कानूनी चैनलों के माध्यम से उठाने और सबूत पेश करने को कहा है।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे हार के बाद की हताशा करार दिया। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, 'राहुल गांधी का मकसद स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता पैदा करना है। वह जानबूझकर लोगों के मन में अपनी संस्थाओं के प्रति संदेह पैदा कर रहे हैं।' महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि कांग्रेस को अपनी रणनीति पर ध्यान देना चाहिए, न कि निराधार आरोप लगाने चाहिए।
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि उनकी पार्टी जल्द ही अपने सबूत सार्वजनिक करेगी, जो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह की धांधली की जा सकती है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में जो 'मैच फिक्सिंग' हुई, वह अब बिहार में होगी।
राहुल गांधी के इन आरोपों ने भारत की चुनावी प्रक्रिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यदि कांग्रेस अपने दावों के समर्थन में ठोस सबूत पेश करती है, तो यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। दूसरी ओर, बीजेपी और चुनाव आयोग इन आरोपों को राजनीतिक हताशा का परिणाम बता रहे हैं।
'मैं राजा नहीं हूं और मैं राजा बनना भी नहीं चाहता'
सम्मेलन में जब उनके समर्थकों ने राहुल गांधी के समर्थन में 'राजा' बताते हुए नारा लगाया तो उन्होंने बीच में ही उनको टोकते हुए कहा, 'मैं राजा नहीं हूं और मैं राजा बनना भी नहीं चाहता। मैं राजा के विचार के खिलाफ हूं।'
'मैं आग से खेल रहा हूँ'
इसके अलावा राहुल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ हुई निजी बातचीत का ज़िक्र करते हुए कहा, 'मेरी बहन ने मुझसे कहा कि मैं आग से खेल रहा हूँ, और मैंने कहा कि मुझे पता है कि मैं आग से खेल रहा हूँ, और मैं आग से खेलता रहूँगा। आखिरकार, आपमें से ज़्यादातर लोगों की तरह, मैं भी आग में ही खाक हो जाऊँगा। मेरे परिवार ने मुझे सिखाया है कि कायरों से मत डरो। सबसे कायरतापूर्ण काम जो आप कर सकते हैं, वह है किसी कायर से डरना। और हम ठीक इसी स्थिति से जूझ रहे हैं। सत्तारूढ़ विचारधारा काफी हद तक कायरता पर आधारित है।'