135 करोड़ की आबादी वाले मुल्क़ की राजधानी दिल्ली में देश की संसद, सर्वोच्च न्यायपालिका, देश के सारे सांसदों के आवास, अहम सरकारी महक़मों के दफ़्तरों के अलावा और भी काफ़ी कुछ है। यहां हर आदमी अपनी फरियाद लेकर आता रहा है और कभी किसी सरकार ने ऐसा सख़्त रूख़ नहीं दिखाया कि उसे न आने दिया जाए।