जिन लोगों को यह लगता है कि घोटाले होते रहते है और अपराधी को सज़ा नहीं होती है, उन्हें याद दिलाना चाहूँगा कि ऐसा नहीं है। आज़ाद भारत में घोटालों की शुरुआत तो जीप घोटाले से 1948 में ही हो गई थी, लेकिन वह घोटाला उतना बड़ा नहीं था, जितना हरिदास मूंदड़ा घोटाला था। जीप घोटाले में 1500 जीप खरीदने का ऑर्डर दिया गया था और 9 महीने बाद भी डिलीवर नहीं हुई थी। रकम भी मामूली ही थी, प्रति जीप 300 ब्रिटिश पाउंड।, लेकिन मूंदड़ा घोटाले में रकम 1 करोड़ 20 लाख थी, जो वर्तमान में 360 करोड़ रुपए से ज्यादा की बैठती है। जब यह घोटाला हुआ, तब 1957 में सोने का दाम 95 रूपए प्रति 10 ग्राम था। आज सोना 30 हजार रूपए से अधिक प्रति 10 ग्राम है।
राहुल के दादा ने उठाई थी नेहरू सरकार के घोटाले के ख़िलाफ़ आवाज़
- देश
- |
- |
- 12 Feb, 2019

फ़िरोज गाँधी ने अपनी पार्टी और अपने ससुर की सरकार के समय हुए मूंदड़ा घोटाले के ख़िलाफ़ इतनी ज़बरदस्त आवाज़ उठाई कि सरकार को जाँच का आदेश देना पड़ा था।