लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच संसद में तीखी बहस हुई। जानें बहस के प्रमुख बिंदु और राजनीतिक असर।
ऑपरेशन सिंदूर चर्चा पर गोगोई राजनाथ में तीखी तकरार
लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर और
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर मैराथन बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय राफेल जेट्स के नुकसान और
पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक को लेकर सवाल उठाए। गोगोई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि ऑपरेशन के दौरान कितने भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए गए और आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुँचे। जवाब में राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर 'राष्ट्रीय भावनाओं को न दिखाने वाले सवाल' उठाने का आरोप लगाया और ऑपरेशन की सफलता पर जोर दिया।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में आतंकी ठिकानों पर 25 मिनट की सटीक सैन्य कार्रवाई की गई। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया गया। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा हुई, जिसके बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने व्यापारिक दबाव के ज़रिए दोनों देशों को युद्धविराम के लिए मजबूर किया। हालाँकि, पाकिस्तान ने कई भारतीय जेट्स को मार गिराने का दावा किया।
गौरव गोगोई का हमला
लोकसभा में बहस के दौरान गौरव गोगोई ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा, 'हमारे पास केवल 35 राफेल जेट्स हैं। अगर इनमें से कुछ मार गिराए गए, तो यह देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। हम राजनाथ सिंह जी से जानना चाहते हैं कि कितने लड़ाकू विमान गिराए गए। यह बात न केवल जनता को, बल्कि हमारे जवानों को भी बतानी होगी, क्योंकि उनसे भी झूठ बोला जा रहा है।'
गोगोई ने भारत के कैप्टन शिव कुमार के एक कथित बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में भारत ने लड़ाकू विमान खोए, क्योंकि सरकार ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का आदेश दिया था, न कि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों या हवाई रक्षा प्रणालियों को। गोगोई ने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम में आतंकवादी कैसे पहुंचे, जबकि सरकार के पास ड्रोन, पेगासस, सैटेलाइट, सीआरपीएफ़, बीएसएफ़ और सीआईएसएफ़ जैसे संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, '100 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार उन पांच आतंकवादियों को पकड़ नहीं सकी। रक्षा मंत्री ने बहुत कुछ कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुंचे।'
गोगोई ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा,
पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदारी कौन लेगा? उपराज्यपाल? यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी है। सरकार इतनी कमजोर और कायर है कि उसने टूर ऑपरेटरों को भी दोषी ठहराया।
उन्होंने यह भी पूछा कि अगर सरकार का इरादा युद्ध या क्षेत्रीय लाभ का नहीं था तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को वापस लेने का सही समय कब आएगा।
राजनाथ सिंह का विपक्ष पर पलटवार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक निर्णायक और प्रभावी कार्रवाई थी, जिसने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को दिखाया। उन्होंने कहा, 'विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए। मुझे लगता है कि उनका सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं को ठीक से प्रतिबिंबित नहीं करता। उन्होंने कभी नहीं पूछा कि हमारी सेना ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए।' सिंह ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन में कोई भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुआ और आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया गया।
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की तुलना रामायण में हनुमान द्वारा लंका दहन से की और कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य युद्ध या क्षेत्रीय लाभ नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई थी।
ट्रंप के दावे पर सवाल
गौरव गोगोई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने 26 बार कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। गोगोई ने पूछा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसके सामने समर्पण किया?' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने उरी और पुलवामा हमलों के बाद भी यही दावा किया था कि आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया गया, लेकिन पहलगाम हमला फिर भी हुआ। उन्होंने सवाल पूछा कि यह चक्र कब तक चलेगा?
विपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि 10 मई को युद्धविराम क्यों घोषित किया गया, जबकि सरकार का दावा था कि पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था। गोगोई ने कहा, 'हमारे नेता राहुल गांधी ही पहलगाम गए और प्रभावित लोगों से मिले। शहीदों के लिए सम्मान की मांग करने वाले भी वही थे।'
ऑपरेशन सिंदूर पर पारदर्शिता की मांग
संसद में यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और जवाबदेही के मुद्दों को सामने लाती है। विपक्ष ने सरकार से पारदर्शिता की मांग की है, खासकर राफेल जेट्स के नुकसान और
आतंकी हमले में सुरक्षा चूक को लेकर। दूसरी ओर, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को एक सफल कार्रवाई बताया है।
हालाँकि, ऑपरेशन के दौरान हुए नुकसान के बारे में सरकार की चुप्पी और युद्धविराम के पीछे के कारणों पर विपक्ष के सवालों ने बहस को और गर्म कर दिया। गौरव गोगोई के सवालों ने जहां सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए, वहीं राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की सफलता और सैनिकों की बहादुरी पर जोर दिया। यह बहस न केवल संसद में, बल्कि जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि लोग आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और सैन्य नुकसान की सच्चाई जानना चाहते हैं।