राहुल गाँधी ने एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश को 'प्लायबल जर्नलिस्ट' कहा तो दक्षिणपंथी ख़ेमे में हंगामा मच गया। मोदी सरकार को भी तक़लीफ़ हुई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गाँधी को उनका 'असली डीएनए' याद दिला दिया। 'आपातकाल की डिक्टेटर के पोते ने अपना असली डीएनए दिखा दिया - हमला करो और निष्पक्ष संपादक को डराओ।' यह ट्वीट करने के बाद जेटली ने फिर ट्वीट किया। 'छद्म लिबरल शांत क्यों हैं? एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया का इंतज़ार है।' गिल्ड जो अपनी सुस्ती के लिए विख़्यात है, फट से बयान जारी कर देता है। वह लिखता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एएनआई संपादक स्मिता प्रकाश के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, वह चिंता का विषय है। इसके फ़ौरन बाद बीजेपी के लोग राहुल गाँधी को लानत-मलानत करने में जुट जाते हैं। उधर, बीजेपी-विरोधी तबक़ा भी सक्रिय हो जाता है। वह गिल्ड की लानत-मलानत करता है।