ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में 29 जुलाई को चर्चा होगी, जिसमें लोकसभा के लिए 16 घंटे और राज्यसभा के लिए 9 घंटे का समय निर्धारित है। इस संबंध में बुधवार को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक के बाद समय पर अंतिम निर्णय लिया गया। विपक्ष पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है, जिसके कारण संसद के दोनों सदनों में बार-बार नारेबाजी और स्थगन हो रहा है। लेकिन बिहार एसआईआर पर चर्चा को लेकर सरकार की हठधर्मी कायम है। विपक्ष ने बुधवार को तीसरे दिन यह मुद्दा उठाना चाहा लेकिन उसकी अनुमति नहीं दी गई।

राहुल गांधी का बयान 

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के दावे के बीच सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए। गांधी ने कहा, "आप कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, और एक तरफ आप कहते हैं कि हम विजयी हुए हैं। दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रंप 25 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया है। कुछ न कुछ तो दाल में काला है ना।" इसके अलावा राहुल ने एक बार बिहार एसआईआर के संदर्भ में वोट चोरी का आरोप दोहराया। बताया जा रहा है कि राहुल के बयान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी ने जाकर संसद में उनके ऑफिस में मुलाकात की। उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का संकेत दिया गया। लेकिन बिहार एसआईआर पर सरकार की चुप्पी कायम है। 

बिहार SIR को लेकर हमला 

राहुल गांधी ने बुधवार को सभी राज्यों में मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया। राहुल ने कहा-  "बात सिर्फ़ उन 52 लाख लोगों की नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र (विधानसभा चुनाव) में भी धोखाधड़ी की है। हमने चुनाव आयोग से मतदाता सूची दिखाने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हमने उनसे वीडियोग्राफी दिखाने को कहा, लेकिन उन्होंने वीडियोग्राफी के नियम बदल दिए। महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए मतदाता जुड़े। कर्नाटक में हमने एक बड़ी चोरी पकड़ी है। मैं चुनाव आयोग को दिखाऊँगा कि चोरी कैसे की जाती है। अब उन्हें समझ आ गया है कि हम उनके खेल से वाकिफ़ हैं... अब वे मतदाताओं के नाम हटा रहे हैं और एक नई मतदाता सूची ला रहे हैं।"

संसद के बाहर प्रदर्शन 

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, गौरव गोगोई, समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, आरजेडी सांसद मनोज झा और भारतीय ब्लॉक के अन्य सांसदों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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संसद में हंगामा 

संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में पहलगाम हमला और बिहार एसआईआर पर बहस कराने के लिए विपक्षी सांसदों ने अलग-अलग नोटिस दिए। लेकिन दोनों सदनों में स्पीकर और उपसभापति नहीं पसीजे। इस पर जमकर हंगामा हुआ। सदन को कई बार स्थगित किया गया। विपक्षी सांसद हाथों में तख्तियाँ लिए हुए थे और बिहार मतदाता सूची की सफाई में कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग कर रहे थे। हंगामे के बीच, दोनों सदनों की कार्यवाही पहले 11.15 बजे,  फिर दोपहर 12 बजे और 2 बजे स्थगित करना पड़ी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को सांसदों को याद दिलाया कि संसद "चर्चा और संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं"। हंगामे के बीच, सदन में व्यवस्था बहाल करने और शालीनता बनाए रखने के लिए लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई।
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के बोलने के दौरान जमकर नारेबाजी की। अध्यक्ष ओम बिड़ला की बार-बार चेतावनी के बावजूद, प्रदर्शनकारी सांसद पीछे हटने को तैयार नहीं हुए और निचले सदन के अंदर नारेबाजी करते रहे।
इससे पहले कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर समेत कई सांसदों ने लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसमें बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर तत्काल चर्चा की मांग की गई। अपने नोटिस में, टैगोर ने दावा किया है कि बड़े पैमाने पर चल रहा यह पुनरीक्षण कार्य लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है और इस पर तत्काल चर्चा की मांग की है। लेकिन स्पीकर ने किसी भी नोटिस को तवज्जो नहीं दी।