नागरिकता संशोधन क़ानून के बाद अब देश में नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की चर्चा है। विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि एनपीआर और कुछ नहीं, नैशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) को लागू करने के लिए लाया गया है जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। शाह ने कहा है कि एनपीआर और एनआरसी, दोनों ही अलग-अलग क़ानूनों से संचालित होते हैं और एनपीआर के आंकड़ों को एनआरसी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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- 25 Dec, 2019
विपक्ष का कहना है कि एनपीआर एनआरसी को लागू करने के लिए लाया गया है जबकि सरकार का कहना है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है।

शाह ने यह भी कहा कि एनपीआर को एनआरसी के लिए इस्तेमाल किये जाने की बातें सिर्फ अफ़वाह हैं। लेकिन अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक ख़बर के मुताबिक़, मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में नौ बार संसद में बताया कि एनआरसी को एनपीआर के आंकड़ों के आधार पर बनाया जाएगा। इसके बाद मोदी सरकार सरकार इसे लेकर फंसती दिख रही है।