एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मौजूदा सूरत-ए-हाल में बूस्टर डोज की ज़रूरत नहीं है। बल्कि ज़रूरत इस बात की है कि वैक्सीन ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को लगाई जाए। गुलेरिया ने यह भी कहा कि हर गुजरते दिन के साथ भारी-भरकम तीसरी लहर आने की संभावना भी कम होती जा रही है।
'अभी बूस्टर डोज की ज़रूरत नहीं, ‘भारी’ तीसरी लहर के आने की संभावना भी कम'
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- 24 Nov, 2021
अमेरिका और यूरोप में कोरोना को लेकर हालात ख़राब होते जा रहे हैं लेकिन डॉ. गुलेरिया का कहना है कि भारत में किसी बड़ी लहर के आने की संभावना कम है।

जबकि बीते जुलाई महीने में गुलेरिया ने कहा था कि जिन लोगों ने कोरोना टीके की दो खुराक़ें ले ली हैं, उन्हें बूस्टर डोज़ यानी तीसरी खुराक़ लेनी पड़ सकती है। गुलेरिया ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर मौजूदा टीके प्रभावी नहीं भी हो सकते हैं।
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा था कि इसकी वजह ये भी है कि लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है और लगता है कि शायद टीके के बाद बूस्टर डोज़ की ज़रूरत होगी।