उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सदन का सदस्य नहीं होते हैं तो क्या वह अपने निजी स्टाफ़ को सदन की समितियों में लगा सकते हैं? विपक्षी दलों के नेता इस पर सवाल खड़े करते हुए पूछते हैं कि क्या यह संस्थाओं को कमजोर करना नहीं है?
उपराष्ट्रपति धनखड़ के निजी स्टाफ़ राज्यसभा की समितियों में क्यों?
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- 9 Mar, 2023
राज्यपाल बनाए जाने के बाद से ही विवादों में रहे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के एक फ़ैसले से अब एक और विवाद हो गया है। जानिए विपक्षी दलों के नेताओं ने क्या-क्या आरोप लगाए।

दरअसल, ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के निजी स्टाफ के आठ अधिकारी संसद की 12 स्थायी समितियों और आठ विभाग से जुड़ी स्थायी समितियों में 'लगाए' गए हैं। इन लगाए (अटैच) गए अधिकारियों में ओएसडी राजेश एन नाइक, निजी सचिव सुजीत कुमार, अतिरिक्त निजी सचिव संजय वर्मा और ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत हैं। राज्यसभा के सभापति कार्यालय से नियुक्त किए गए उनके ओएसडी अखिल चौधरी, दिनेश डी, कौस्तुभ सुधाकर भालेकर और पीएस अदिति चौधरी हैं। लेकिन इन नियुक्तियों पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए।