केंद्र ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और फर्जी वेबसाइटों जैसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें न्यूनतम तीन साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने सहित सख्त दंड का प्रावधान है। वर्तमान में, केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित तरीकों या किए गए अपराधों से निपटने के लिए कोई खास ठोस कानून नहीं है।