एक चौंकाने वाली ख़बर ने भारत के कूटनीतिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है! पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर को अमेरिका के प्रतिष्ठित सेना दिवस समारोह में वॉशिंगटन डीसी बुलाया गया है। यह वही जनरल हैं, जिनके भड़काऊ बयानों के बाद में भारत में आतंकी हमला हुआ था। इसके साथ ही एक बयान में अमेरिकी टॉप अधिकारी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अमेरिका का 'शानदार साझेदार' बताया है। इन घटनाक्रमों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को एक सनसनीखेज बयान में अमेरिका पर भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ख़बर है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस के अवसर पर वॉशिंगटन डीसी में आयोजित एक विशेष समारोह में आमंत्रित किया गया है। इस ख़बर को भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से एक बड़ा झटका बताते हुए रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी 'हठधर्मिता' छोड़कर संसद का विशेष सत्र बुलाने और सर्वदलीय बैठक आयोजित करने की मांग की है।
जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा, 'ख़बर है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस के मौके पर वॉशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। यह भारत के लिए न केवल कूटनीतिक, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी एक बड़ा झटका है।' उन्होंने कहा कि यह वही जनरल मुनीर हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और उकसाने वाली टिप्पणियाँ की थीं। रमेश ने सवाल उठाया, 'ऐसे व्यक्ति को अमेरिका द्वारा इस तरह के प्रतिष्ठित आयोजन में बुलाने की मंशा क्या हो सकती है?'
जयराम रमेश ने हाल ही में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख के उस बयान का भी ज़िक्र किया, जिसमें पाकिस्तान को आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अमेरिका का 'शानदार साझेदार' बताया गया था। उन्होंने इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, 'पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियाँ पूरी दुनिया के सामने हैं। फिर भी, अमेरिका का उसे इस तरह का दर्जा देना भारत के हितों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।' उन्होंने इसे अमेरिका की उस नीति का हिस्सा बताया, जो भारत और पाकिस्तान को एकसमान देख रही है, जो भारत की कूटनीतिक प्रगति को कमजोर करता है।
मोदी सरकार ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़े क़दम उठाने की घोषणा की है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए व्यापक अभियान चला रहे हैं। ऐसे में, पाकिस्तानी सेना प्रमुख का अमेरिकी सेना दिवस में अतिथि के रूप में शामिल होना भारत के लिए एक गंभीर और असहज स्थिति पैदा करता है। रमेश ने कहा, 'जब भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, तब अमेरिका का यह क़दम भारत की रणनीतिक स्थिति को कमजोर करने वाला है।'
जयराम रमेश ने ट्रंप प्रशासन की हालिया नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, 'ट्रंप प्रशासन लगातार ऐसे बयान दे रहा है, जिनसे यही संदेश जाता है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौल रहा है। यह भारत की उस कूटनीतिक स्थिति के लिए ख़तरा है, जिसे दशकों की मेहनत से बनाया गया है।' उन्होंने हाल ही में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के वैश्विक मंचों पर प्रयासों का उल्लेख किया, जिसने अमेरिका सहित कई देशों को पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक नीतियों से अवगत कराया था। रमेश ने कहा,
हमारे प्रतिनिधिमंडल ने पूरी दुनिया को पाकिस्तान की सच्चाई बताई थी। प्रधानमंत्री अभी उनकी वापसी का स्वागत कर रहे थे और ठीक उसी समय वॉशिंगटन से इस तरह की ख़बरें आना भारत की कूटनीतिक स्थिति को और असहज बनाता है। जयराम रमेश,
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल क़दम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को अब अपनी हठधर्मिता और प्रतिष्ठा की चिंता छोड़कर एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। साथ ही, संसद का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि राष्ट्र अपनी सामूहिक इच्छा-शक्ति को साफ़ तौर पर व्यक्त कर सके।' उन्होंने जोर देकर कहा कि इस संकट के समय में भारत को एक ठोस रोडमैप पेश करना होगा, ताकि वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति और मज़बूत हो।
जयराम रमेश ने चेतावनी दी कि भारत ने दशकों की मेहनत से वैश्विक मंच पर एक मज़बूत कूटनीतिक स्थिति हासिल की है, जिसे इतनी आसानी से कमजोर नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान जैसे देश को भारत के समकक्ष रखना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए भी ख़तरनाक है।' उन्होंने सरकार से मांग की कि वह इस मामले में साफ़ और कड़ा रुख अपनाए, ताकि भारत की वैश्विक साख बरकरार रहे।
यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान और भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अमेरिका का यह क़दम न केवल भारत की कूटनीतिक स्थिति को चुनौती देता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की लड़ाई को भी प्रभावित कर सकता है। जयराम रमेश का बयान विपक्ष की चिंताओं को उजागर करता है और सरकार पर दबाव बनाता है कि वह इस मुद्दे पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करे।
सभी की निगाहें अब भारत सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या भारत इस कूटनीतिक चुनौती का जवाब देने के लिए एकजुट होकर अपनी रणनीति को और मजबूत करेगा?
जनरल आसीम मुनीर का अमेरिकी सेना दिवस में निमंत्रण और अमेरिका की भारत-पाक को एकसमान देखने की नीति ने भारत के लिए एक मुश्किल कूटनीतिक संकट खड़ा कर दिया है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करे और संसद के विशेष सत्र के माध्यम से राष्ट्र की एकजुटता का प्रदर्शन करे। यह समय भारत के लिए अपनी कूटनीतिक ताकत को साबित करने का है।