गंभीर अपराध के दोषी नेताओं को क्या कभी राजनीति में आने देना चाहिए, ख़ासकर तब जब हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध का मामला हो? वैसे, सामान्य अपराध के मामले में आजीवन प्रतिबंध को कठोर कहा जाता रहा है। तो सवाल है कि सरकार का इस पर क्या रुख है?