गंभीर अपराध के दोषी नेताओं को क्या कभी राजनीति में आने देना चाहिए, ख़ासकर तब जब हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध का मामला हो? वैसे, सामान्य अपराध के मामले में आजीवन प्रतिबंध को कठोर कहा जाता रहा है। तो सवाल है कि सरकार का इस पर क्या रुख है?
केंद्र दोषी नेताओं पर पूरी ज़िंदगी प्रतिबंध लगाने का विरोध क्यों कर रहा है?
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- 26 Feb, 2025
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दोषी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध कठोर होगा और 6 साल की अयोग्यता पर्याप्त है। क्या यह लोकतंत्र की मजबूती के ख़िलाफ़ है या एक संतुलित निर्णय? जानिए पूरी बहस।

केंद्र सरकार (फाइल फोटो)
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध कठोर होगा। हालाँकि, इसने गंभीर और सामान्य अपराध में फर्क साफ़ नहीं किया है। फ़िलहाल, आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए नेताओं पर छह साल की अयोग्यता का प्रावधान है। केंद्र ने कहा है कि यह प्रावधान पर्याप्त है। केंद्र ने एक हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट से यह बात कही है। वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र ने यह जवाब दिया है। याचिका में देश में सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे की मांग भी की गई है।