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दलित पिटाई कांड: गुना कलेक्टर-एसपी को हटाया, उच्च स्तरीय जाँच होगी

मध्य प्रदेश के गुना शहर में पुलिस द्वारा एक दलित किसान परिवार की बर्बर पिटाई और किसान दंपत्ति द्वारा कीटनाशक पी लेने की घटना को लेकर बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने बुधवार देर रात गुना के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया। उन्होंने भोपाल से अधिकारियों को भेजकर मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने की घोषणा भी की है। शिवराज सिंह की यह कार्रवाई तब हुई है जब विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर था। बढ़ते दबाव के बीच ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की थी और कहा था कि उन्होंने सीएम से कार्रवाई करने की माँग की है। 

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गुना शहर में मंगलवार को एक दलित किसान राजकुमार अहिरवार और उसके परिवार के साथ पुलिस ने बर्बरता की थी। पुलिस ने ना केवल किसान और उसके परिजनों को जमकर पीटा था बल्कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा था। गुना नगर पालिका का अतिक्रमण विरोधी दस्ता किसान को उस ज़मीन पर से हटाने के लिए पहुँचा था जो सरकारी थी।

किसान का दावा था कि ज़मीन पर उसके पिता और दादा खेती किया करते थे। उनके बाद से वह भी बरसों से खेती कर रहा है। अमला अतिक्रमण बताकर राजकुमार की अंकुरित फ़सल पर बुलडोजर चलाता रहा। मिन्नतों के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने उसकी नहीं सुनी। मारपीट की। महिला और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। बाद में किसान और उसकी पत्नी ने कीटनाशक पीकर जान देने की कोशिश की। पूरे घटनाक्रम से जुड़े वीडियो फुटेज वायरल हुए तो बवाल मच गया था।

मंगलवार को हुई घटना पर गुना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मौन साधे रहे थे। एसपी ने तो संकेतों में किसान राजकुमार और उसके परिजनों के ख़िलाफ़ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को उचित तक बता डाला था। घटना के बाद राजनीति भी शुरू हो गई थी।

दरअसल, मध्य प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। सबसे ज़्यादा 16 सीटें ग्वालियर और चंबल संभाग की हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों की साख यहाँ दाँव पर लगी हुई है। घटना के बाद कांग्रेस के निशाने पर बीजेपी की सरकार है। मुख्यमंत्री के किसान पुत्र होने संबंधी दावों पर सवाल उठाये जा रहे हैं। सिंधिया के किसान प्रेम को भी निशाने पर लिया गया है।

घटना के 24 घंटे के बाद भी सरकार की ओर से माकूल कार्रवाई ना होती दिखाई देने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार शाम को ‘मैदान’ में नज़र आये। उन्होंने एक ट्वीट करके बताया कि पूरे मामले को लेकर उनकी मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। गुना के एसपी और कलेक्टर को बदलने का अनुरोध चर्चा के दौरान उन्होंने सीएम से किया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्वीट के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बयान आ गया। पूरे घटनाक्रम को गंभीर क़रार देते हुए उन्होंने एसपी और कलेक्टर को हटाने का आदेश देने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार भोपाल से आला अफ़सर भेजकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच करायेगी।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आधी रात को कलेक्टर-एसपी को हटाने संबंधी आदेश सरकार ने जारी कर दिये। तरुण नायक को एसपी पद से हटाते हुए राजेश कुमार सिंह को गुना का नया एसपी बनाया गया। जबकि कलेक्टर एस. विश्वनाथन को बदलने के आदेश भी आधी रात को सरकार ने कर दिये।

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कमलनाथ ने कहा था- चुप नहीं बैठेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने सिंधिया के ट्वीट के कुछ देर पहले ट्वीट करते हुए गुना घटना को लेकर शिवराज सरकार को घेरा था। पूरे घटनाक्रम पर तीखी नाराज़गी और अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा था, ‘दलित किसान और उसके परिवारजनों की बर्बर पिटाई करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस ख़ामोश नहीं बैठेगी।’

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संजीव श्रीवास्तव
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