मार्च के तीसरे हफ़्ते में कमलनाथ की राज्य सरकार का जिस तरह से पतन हुआ, उसके केंद्र में न सिर्फ़ ग्वालियर नरेश ज्योतिरादित्य सिंधिया थे बल्कि जिन विधायकों ने पार्टी छोड़कर सरकार गिराई उनमें भी 55 फीसदी ग्वालियर-चम्बल संभाग के थे। इस दृष्टि से कमलनाथ, सिंधिया और शिवराज सिंह- तीनों के लिए इस क्षेत्र का बहुत बड़ा महत्व है। यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना पहला उपचुनावी हल्ला इसी क्षेत्र पर बोला।