रेमडेसिविर बनाने वाली दमन की एक कंपनी की साठ हजार डोज मुंबई में जब्त किये जाने को लेकर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है। बीजेपी तथा सत्ताधारी महाविकास आघाडी के नेता बयानों में ताल ठोकते नज़र आ रहे हैं। जबकि कंपनी के एक अधिकारी के ख़िलाफ़ पिछले सप्ताह इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करने का मामला गुजरात पुलिस ने भी दर्ज किया है। उक्त कंपनी के टेक्निकल डायरेक्टर मनीष सिंह और उनके एक साथी को वलसाड ज़िला एसओजी पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी के मामले में 14 अप्रैल 2021 को पकड़ा था।
कालाबाज़ारी के आरोप में फँसी फ़ार्मा कंपनी को क्यों बचा रहे हैं फडणवीस?
- महाराष्ट्र
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- 19 Apr, 2021
ब्रुक फार्मा के एक अधिकारी के ख़िलाफ़ पिछले सप्ताह इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करने का मामला गुजरात पुलिस ने भी दर्ज किया था।पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी के मामले में 14 अप्रैल 2021 को पकड़ा था।

वलसाड ज़िला पुलिस को सोशल मीडिया के मामले से ख़बर मिली थी कि वापी के आसपास रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी हो रही है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने अपना जाल बिछाया तथा वापी जीआईडीसी (गुजरात इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉर्पोरेशन) मार्ग पर पुलिस इन्स्पेक्टर अभिराज सिंह राणा ने स्वयं ग्राहक बनकर कालाबाज़ारियों तक पहुँचने का खेल रचा। राणा इस कड़ी में वरुण कुंद्रा नामक व्यक्ति से मिले और 12 इंजेक्शन का सौदा 12 हज़ार प्रति इंजेक्शन के भाव से तय किया। कुंद्रा ने जब अपनी जेब से इंजेक्शन की बोतल निकाली तो उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ पर उसने बताया कि उसका संपर्क दाभेल आटियावाड स्थित ब्रुक फार्मा के टेक्निकल डायरेक्टर मनीष सिंह से है। इस पर पुलिस ने मनीष सिंह को भी गिरफ्तार किया था।