कल दो दृश्य देखने लायक हुए। एक तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने चीन पहुँच कर फिर कश्मीर की ढपली बजाई और दूसरा, फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मनी की चांसलर जब मिले तो दोनों ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर और नमस्ते बोलकर अभिवादन किया। ऐसा ही ट्रंप और इस्राइल के प्रधानमंत्री भी करते हैं। यह देखकर दिल ख़ुश हुआ लेकिन समझ में नहीं आता कि पाकिस्तान अपने इसलामी मित्र-देशों से क्यों कटता जा रहा है?
कश्मीर है पाकिस्तान के पाँव की बेड़ी
- विचार
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- 23 Aug, 2020

चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी।
सबको पता है कि दुनिया की कोई ताक़त डंडे के ज़ोर पर कश्मीर को भारत से नहीं छीन सकती। हाँ, पाकिस्तान बातचीत का रास्ता अपनाए तथा आक्रमण और आतंकवाद का सहारा न ले तो निश्चय ही कश्मीर का मसला हल हो सकता है। वास्तव में कश्मीर तो पाकिस्तान के पाँव की बेड़ी बन गया है। इसके कारण पाकिस्तान का फौजीकरण हो गया है।