जब से एक स्कूटी सवार पर विभिन्न ट्रैफ़िक उल्लंघनों के लिए 23 हज़ार का चालान ठोका गया है, तब से कई लोगों द्वारा यह सवाल उठाया जा रहा है कि 15 हज़ार की स्कूटी रखने वाले पर 23 हज़ार का चालान करना - यह कहाँ का इंसाफ़ है। इसपर मेरा एक प्रतिप्रश्न है - कोई अगर अपने सौ रुपये के चाकू से किसी की जान ले ले तो उसे उम्रक़ैद की सज़ा देना, क्या यह भी कोई इंसाफ़ है? क्या उसको भी चाकू की क़ीमत यानी अधिक-से-अधिक सौ-दो सौ रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ नहीं दिया जाना चाहिए?