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आडवाणी की जनचेतना यात्रा और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। देश में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस यात्रा को कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इससे पहले भी तमाम नेताओं ने इस तरह की यात्राएं निकाली हैं। चूंकि यह सोशल मीडिया का दौर है इसलिए इस दौर में निकल रही राजनीतिक यात्राएं तेजी से लोगों के बीच पहुंच जाती हैं। 

यहां बताना होगा कि भारत के इतिहास में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा 1983 में निकाली गई भारत यात्रा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के द्वारा 1985 में निकाली गई कांग्रेस संदेश यात्रा, 1990 में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा निकाली गई रथ यात्रा, 1991 में बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए मुरली मनोहर जोशी के द्वारा निकाली गई एकता यात्रा के साथ ही 2004 में बीजेपी के द्वारा निकाली गई भारत उदय यात्रा जैसी कई यात्राएं चर्चित हैं। 

लेकिन यहां पर हम बात करेंगे अक्टूबर 2011 में लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा निकाली गई जनचेतना यात्रा और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में। 

Lal krishna Advani Jan Chetna Yatra and Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra - Satya Hindi

पहले बात करते हैं लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा के बारे में। लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 100 जिलों से होकर गुजरी थी। इस दौरान यात्रा ने 38 दिनों में 7600 का सफर तय किया था। 

जनचेतना यात्रा के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक बस में सवार थे। लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक पदयात्रा है जिसमें शामिल नेता हर दिन 22 से 23 किलोमीटर चलते हैं। यह यात्रा देश के 12 राज्यों से होते हुए गुजरेगी और 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। 

Lal krishna Advani Jan Chetna Yatra and Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra - Satya Hindi

जनचेतना यात्रा के दौरान पर्दे के पीछे से 80 लोगों की टीम काम कर रही थी और उसमें से 20 लोग कोर टीम के सदस्य थे। इस यात्रा के साथ कई वाहनों का काफिला तो था ही, दो एंबुलेंस भी साथ थीं, जिसमें स्वास्थ्य व चिकित्सा से संबंधित अत्याधुनिक सुविधाएं थीं। इसके साथ ही इंटरनेट की बेहतर सुविधा के लिए आईटी और तकनीकी मामलों को जानने वाली टीम भी थी। वाहनों के प्रबंधन, रखरखाव, जन चेतना यात्रा में शामिल लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए भी पार्टी के नेता तैनात थे। 

उस दौर में अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, मुरलीधर राव और श्याम जाजू जैसे पुराने नेता आडवाणी की कोर टीम में शामिल थे। 

जबकि राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल 119 लोगों के साथ ही तमाम सुरक्षाकर्मी, पार्टी की कम्युनिकेशन टीम के सदस्य जिनमें फोटोग्राफर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म संभालने वाले लोग और साथ ही मेडिकल टीम के लोग भी शामिल हैं और इन्हें मिलाकर यह संख्या 300 तक है। 

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कंटेनरों का इस्तेमाल 

यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ शामिल पार्टी के नेता ट्रकों पर रखे गए 60 कंटेनरों में सोते हैं। राहुल गांधी सुरक्षा कारणों से एक अलग कंटेनर में जबकि बाकी लोग दूसरे कंटेनरों में सोते हैं। इन कंटेनरों में बेड लगे हुए हैं। कुछ कंटेनरों में एसी, टॉयलेट की भी सुविधा है। 

निश्चित रूप से इस तरह की पदयात्राओं ने भारत की सियासत में काफी असर किया है और ये पदयात्राएं जनता के बीच में पहुंचने का एक सशक्त जरिया हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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