रोजर बिन्नी के बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में बनाए जाने की रिपोर्टें हैं। भारत के 1983 वर्ल्ड कप टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। ख़ास बात यह रही कि रोजर बिन्नी के सामने किसी दूसरे सदस्य ने अध्यक्ष पद का नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। तो क्या बिन्नी का चुना जाना तय नहीं है? इस सवाल से एक अहम सवाल यह उठ रहा है कि यदि बिन्नी का अध्यक्ष बनना तय है तो सौरव गांगुली को आख़िर अध्यक्ष पद पर दूसरा मौक़ा क्यों नहीं दिया जा रहा है?
टीएमसी क्यों बोली- बीजेपी से नहीं जुड़े तो गांगुली को BCCI में जगह नहीं?
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- 12 Oct, 2022
क्या सौरव गांगुली को बीसीसीआई में अध्यक्ष पद के दूसरे कार्यकाल के लिए मौक़ा नहीं मिलेगा? और यदि ऐसा हो तो वजह क्या है? क्या इसके पीछे राजनीति है?

यह सवाल इसलिए भी ज़्यादा उठ रहा है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसके पीछे राजनीति को वजह बताया है। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच यह संदेश फैलाने की कोशिश की थी कि राज्य में बेहद लोकप्रिय गांगुली पार्टी में शामिल होंगे। तब पिछले साल राज्य में विधानसभा के चुनाव होने थे।