पहले तो सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं और अब रेत में दफन शवों के साथ भी क्रूरता! गंगा किनारे रेत में दबाए गए शवों से रामनामी चादर रूपी कफन को भी हटाने की तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है।
दूसरी लहर में कहर मचा चुके कोरोना संक्रमण के मामले अब कम हो रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इसकी जाँच करने के लिए कहा है कि बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने बड़ी मात्रा में फैबी फ्लू की दवा कैसे पाई। वह भी तब जब इस दवा की भारी किल्लत थी।
बिना इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन की सुविधा वाले 18-44 साल की उम्र के लोग अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर टीके लगवा सकते हैं। इंटरनेट, मोबाइल, ऐप से बिल्कुल अनजान लोग इस फ़ैसले से लाभ ले सकेंगे।
कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के रवैये की विज्ञान की पत्रिका लांसेट के बाद अब प्रतिष्ठित 'द इकोनॉमिस्ट' ने तीखी आलोचना की है। इसने लिखा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर से देश त्रस्त था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग़ायब थे।
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 3 लाख को पार कर गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने योग गुरु रामदेव को एक कड़ी चिट्ठी लिख कर फटकार लगाई है और एलौपैथी डॉक्टरों पर दिए गए बयान को वापस लेने को कहा है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने तीन घंटों के बदले डेढ़ घंटे में 12वीं की परीक्षा ख़त्म करने का फैसला किया है।
ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, करोड़ों लोग बेरोज़गार हो गए, दुनिया की कोई अर्थव्यवस्था इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकी, आख़िर कैसे अरबपतियों की संख्या पाँच गुणे बढ़ गई और सबसे ज़्याद फ़ायदा उठाने वाले व्यक्ति की जायदाद में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई?
दिल्ली में फिर से एक हफ़्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। लेकिन इसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि संक्रमण के मामले कम होते रहे तो 31 मई से लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
योग गुरु रामदेव फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने कथित तौर पर एलोपैथी को स्टूपिड और दिवालिया साइंस कहा है। सोशल मीडिया पर उनका बयान वायरल हुआ तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने कार्रवाई की मांग की है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले घटकर अब ढाई लाख से भी नीचे आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को जारी शनिवार के 24 घंटे आँकड़ों के अनुसार 2 लाख 40 हज़ार 842 नये मामले आए और 3741 लोगों की मौत हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में 18 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना टीका देना शनिवार से बंद करने का एलान कर दिया।
सरकार भले ही यह दावा करे कि टीके की कोई कमी नहीं है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सही ढंग से चल रहा है, आईएमएफ़ ने अनुमान लगाया है कि इस साल के अंत तक भारत के एक तिहाई लोगों को ही टीका लगाया जा सकेगा।
बीते 24 घंटों में संक्रमण के 2,57,299 मामले सामने आए और 4,194 लोगों की मौत हुई। बीते 24 घंटों में ठीक होने वालों की संख्या 3,57,630 रही।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिस आदेश में यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था 'राम भरोसे' टिप्पणी की थी उस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि चार महीने में यूपी के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएँ सुधरनी चाहिए।
अब घर पर ख़ुद से ही जाँच सकते हैं कि आपको कोरोना है या नहीं। भारत में पहली बार कोरोना की घर पर ही जाँच करने वाली टेस्ट किट कोविसेल्फ तैयार की गई है। इसको इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार ने राज्यों से क्यों कहा है कि ब्लैक फंगस के मामलों को महामारी क़ानून के तहत अधिसूचित करें? देश भर में 5500 से ज़्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं और 126 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तीन लाख से नीचे रहे लेकिन मौतों का आंकड़ा बढ़ गया।
नोटबंदी में पंक्तिबद्ध लोगों की मौतें से लेकर पिछले साल कोरोना के समय अविवेकपूर्ण लॉकडाउन में सैकड़ों मज़दूरों की मौत, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन, दवाइयों आदि के अभाव में हजारों लोगों की जान चली गई।
ऐसे समय जब कई सरकारें कोरोना से होने वाली मौतों को छुपाने की कोशिशें कर रही हैं, मृत्यु प्रमाण पत्र उनकी पोल खोल रहा है। दिल्ली में अप्रैल 2021 में इसी महीने के पिछले साल की तुलना में लगभग ढ़ाई गुणा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया।
मैथमैटिकल मॉडलिंग के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि कोरोना महामारी की अगली यानी तीसरी लहर छह से आठ महीने में आ सकती है।
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है। यह चिंता इतनी बढ़ी कि राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने रविवार को इस बीमारी को लेकर सलाह जारी की है। आख़िर यह ब्लैक फंगस क्या है और यह कितना ख़तरनाक है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पिछले सात साल के न्यूनतम स्तर पर है। हालांकि वे अभी भी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, उन्हें पसंद करने वालों से ज़्यादा संख्या उन्हें नापसंद करने वालों की है और यह भी सात साल में पहली बार हुआ है।
नई और अधिक चिंता की बात यह है कि मुँह व नाक से निकलने वाले कण या एअरोसॉल 10 मीटर की दूरी तक मौजद लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
इस सेटेलाइट युग में भी मौतों के सही आँकड़े छुपाने के असफल और संवेदनहीन प्रयासों की तरह ही उस लहर से उत्पन्न होने वाले संताप और मौतों को भी ख़ारिज किया जाएगा, जिसकी कि हम बात करने जा रहे हैं।