ऐसे समय जब दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है और राज्य सरकार ने केंद्र के साथ मिल कर एक एक्शन प्लान तैयार किया है, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है।
समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर निकलने के बाद अब केन्द्र सरकार ने समान लिंग में शादी की मंजूरी देने से इनकार करते हुए अदालत में साफ कहा है कि 'समान लिंग में शादी हमारी सभ्यता के ख़िलाफ़ है।'
पीएम केयर्स फंड पहले दिन से ही विवादों से घिरा हुआ है। दो-दो हाईकोर्ट में इससे संबंधित याचिकाएँ दायर हुई हैं और उम्मीद जगी है कि मोदी सरकार को रवैया बदलने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
कोरोना जाँच रिपोर्ट के देर से आने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख़्त नाराज़गी जताई है और कहा है कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित कराए कि ये रिपोर्टें 24 से 48 घंटे के अंदर मिल जाएँ।
समलैंगिक होना भले ही अपराध नहीं हो, लेकिन क्या समलैंगिक होने के कारण जज बनने में रुकावट आ सकती है? दिल्ली हाई कोर्ट में एक काबिल वकील के जज बनने में लगता है यह आड़े आ रहा है।