अमित शाह ने 300 सीटों से ज़्यादा जीतने का दावा किया है। लेकिन पहले के चुनावों के आँकड़े तो तसवीर कुछ अलग ही पेश करते हैं। ये आँकड़े अमित शाह के दावे के विपरीत कहानी कहते हैं।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 63.24% मतदान हुआ है। इस चरण में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 117 सीटों पर वोट डाले गए।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 117 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है। इस चरण में कई सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाँव पर है।
दूसरे चरण के मतदान के बाद क्या है सियासी तसवीर? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष के साथ।
बीजेपी नेता संजीव बालियान ने बुर्क़े में वोट डालने का विरोध क्यों किया? देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। पहले चरण में कांग्रेस, बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाँव पर है।
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शुरू हो गया है। पहले चरण में आज 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है।
'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देकर 2014 में सत्ता में आने वाली बीजेपी इस बार क्या वायदे करेगी, सोमवार को साफ़ हो जाएगा जब पार्टी अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करेगी।
ठीक चुनाव के समय लोकलुभावन नारे उठाने वाली पार्टियाँ दूसरे दलों के इसी तरह की घोषणाओं का मजाक उड़ाने में लगी हैं। क्या है मामला?
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्टी नेतृत्व से नाराज़ होकर इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है। इसके साथ ही उनके राजनीतिक जीवन का अंत माना जा रहा है।
लालकृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग लिखकर इशारों में बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और अमिताभ
अब तक राज्य की राजनीति के हाशिए पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को क्यों दे रही है चुनौती? क्या इसके लिए टीएमसी ख़ुद ज़िम्मेदार है?
पंजाब में कई मौजूदा सांसद इस बार चुनाव में बाग़ी हो गए हैं। 2014 में जीत हासिल करने वाले ये सांसद अब उस दल में नहीं हैं। जिससे चुनाव रोचक हो गए हैं।
टीएमसी और बीजू जनता दल को छोड़ किसी राजनीतिक पार्टी ने इस बार भी एक तिहाई सीटें महिलाओं को नहीं दी। ऐसा क्यो है?
बीजेपी कह रही है कि राहुल गाँधी अमेठी में हार के डर से भागकर वायनाड चले गए हैं। इस मुद्दे पर हुई चर्चा में शामिल हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश और आशुतोष।
कांग्रेस के घोषणापत्र पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुणाचल प्रदेश में जमकर बरसे। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र को ढकोसलापत्र बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 का चुनाव नई उम्मीदों के रथ पर सवार होकर जीता था। अब पाँच साल बाद उन उम्मीदों, सपनों और वादों की जाँच-पड़ताल जारी है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन तक शुरू हो गया, लेकिन उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में सिर फ़ुटौव्वल और बग़ावत चरम पर हैं। क्या है वजह?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने अयोध्या रोडशो के दौरान बीजेपी पर चोट करते हुए कहा कि यह चुनाव संविधान बचाने के लिए लड़ा जा रहा है, जो ख़तरे में है।
सोनिया लड़ें या प्रियंका सीट तो इस परिवार के पास ही रहने की उम्मीद है। लेकिन बीजेपी इन दिनों सोनिया से ज़्यादा आक्रामक राहुल और प्रियंका को लेकर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से यह बात साफ़ हो गई है कि चुनाव राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, देशप्रेम, पाकिस्तान विरोध तथा आतंकवाद के मुद्दों पर लड़ा जाएगा।
सैटेलाइट को उड़ा देने वाले मिसाइल कार्यक्रम को मोदी की सरकार ने शुरू नहीं किया। उसकी शुरुआत तो 2007 में हो चुकी थी। जब कांग्रेस की सरकार थी।
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते कमलनाथ के सामने कांग्रेस को चुनाव में जिताने की बड़ी ज़िम्मेदारी है। लेकिन उन्हें कई मुद्दों पर चुनौतियों का सामना करना है।
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा-कांग्रेस के बीच गठबंधन की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। क्या इसका फ़ायदा बीजपी को मिलेगा?
मोदी 2014 के चुनावों के महानायक बने। लोगों को उम्मीद थी कि वह भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए ठोस क़दम उठाएँगे। 2014 में लोकपाल की नियुक्ति भी बड़ा मुद्दा थी।
कांग्रेस ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतारा है। यह चर्चा जोरों पर थी कि इस बार बिहार में बीजेपी शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट नहीं देगी।