पटना में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति ने एक बार फिर 90 के दशक के 'जंगल राज' की यादें ताजा कर दी हैं। क्या बिहार दोबारा उसी अराजक दौर में लौट रहा है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
क्या तीन-भाषा फार्मूले के ज़रिए अंग्रेज़ी को दोबारा भारतीयों पर थोपा जा रहा है? इस रिपोर्ट में जानें इस नीति के पीछे की राजनीति, प्रभाव और बहस के दोनों पक्ष।
बिहार चुनाव में आंबेडकर को 'देवता' के रूप में पेश किए जाने की कोशिश को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस तेज़ है। क्या यह दलित वोट बैंक साधने की नई रणनीति है या विचारधारा से छल? जानिए पूरी रिपोर्ट।
भारतीय राजनीति में तमाम राजनीतिक दल परिवारवाद से अछूते नहीं हैं। लेकिन बीजेपी दूसरे दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाने पर सबसे आगे रही है। वरिष्ठ पत्रकार शैलेश परिवारवाद का जायजा इस लेख में ले रहे हैं।
बिहार चुनाव 2025 में लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के प्रमुख चिराग पासवान की चर्चा जोर पकड़ रही है। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकल्प बताया जा रहा है।
हाल ही में पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार एक मंच पर साथ नजर आए, लेकिन क्या बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं? जानिए अंदर की सियासत।
निहारिका सफाया की प्रस्तुति "ब्लैक स्वान" एक अनोखा नृत्य बैले है जिसमें फ्रांसीसी क्लासिक 'स्वान लेक' को भारतीय रंग देते हुए कत्थक, भरतनाट्यम और मणिपुरी जैसी शैलियों से समृद्ध किया गया। यह प्रयोग धर्मिता और सांस्कृतिक संवाद का सुंदर उदाहरण है।
बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को लेकर सियासी सरगर्मी तेज़ है। विपक्ष जहां इसे वोट बैंक की राजनीति बता रहा है, वहीं सरकार इसे ऐतिहासिक सुधार बता रही है। जानिए कैसे यह मुद्दा चुनावी बहस के केंद्र में आ गया है।
जाति जनगणना को लेकर देशभर में चर्चा तेज है, लेकिन इसकी पहली और सबसे अहम परीक्षा बिहार में होने जा रही है। क्या बिहार इस सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की अगुवाई कर पाएगा? जानिए पूरी रिपोर्ट।
बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुकी है, हालांकि अभी छह महीने बाकी हैं! इस वीडियो में हम उस शुरुआती हलचल की पड़ताल कर रहे हैं जो बड़े सवाल के इर्द-गिर्द घूम रही है: अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी “मंदिर और मस्जिद” पर आधारित नाटक का मंचन हुआ, जिसमें शाहिद अली के किरदार ने दर्शकों को भावुक कर दिया। नाटक ने सांप्रदायिक सौहार्द और मानवता का संदेश दिया।
वक्फ कानून ने जहां राष्ट्रव्यापी हलचल मचा दी है, वहां इसने बिहार की राजनीति और समीकरणों को सीधे प्रभावित किया है। जाने माने पत्रकार और बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले शैलेश बहुत बारीकी से सारे समीकरणों को समझा रहे हैं। आप भी समझिएः
वक़्फ़ संशोधन क़ानून पर देश की राजनीति दो धड़ों में बंटती दिख रही है। जहां एक ओर सरकार इसे पारदर्शिता का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे धार्मिक हस्तक्षेप करार दे रहा है।
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान क्या नीतीश कुमार को दबाव में फ़ैसले लेने पड़े? क्या यह गठबंधन की मजबूरी थी या राजनीतिक रणनीति? जानिए विस्तार से।
नाटक 'अजातशत्रु' का मंचन मीडिया, पैसा, राजनीति और आम आदमी के संकट को उजागर करता है। जानें इस नाटक की विशेषताएं और संदेश।
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा यानी एनएसडी के भारतीय रंग महोत्सव (भारंगम) में बिदेसिया का प्रदर्शन हुआ। जानिए, बिदेसिया के बारे में।
मशहूर गायक पंडित सी आर व्यास जन्म शताब्दी समारोह हुआ। इसमें राग सोहिनी पर साजन मिश्र ने स्वर दिया। पढ़िए, कार्यक्रम की समीक्षा शैलेश की क़लम से…
तेजस्वी यादव भले ही कांग्रेस से आरजेडी के दूर जाने का संकेत दे रहे हों लेकिन आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अभी इस फैसले को सहमति नहीं दी है। लालू राजनीति के खिलाड़ी हैं। वो जानते हैं कि अगर आरजेडी ने कांग्रेस का साथ छोड़ा तो आरजेडी को भी कम नुकसान नहीं होगा। बिहार की नब्ज पर हाथ रखने वाले जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषणः
बिहार की राजनीति गरमा रही है। रोजाना कोई न कोई बयान या घटना बिहार की राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। जाने माने वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की रिपोर्टः
महाराष्ट्र में जिस तरह से एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद चुनाव के बाद चला गया, क्या वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सचेत होने वाला पल है? जानिए, नीतीश के लिए महाराष्ट्र के घटनाक्रम सबक़ लेने वाले क्यों हैं।
बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस बार उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे। आख़िर उनका मक़सद क्या था और क्या वह इसमें सफल हुए?
नयी राजनीतिक पार्टियों के आगमन के साथ लोगों की उम्मीदें भी अच्छा कुछ होने की होती हैं। तो क्या प्रशांत किशोर की पार्टी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी और क्या लोग उनपर इतना जल्दी विश्वास कर लेंगे?
ग़ज़ल की यात्रा को नाटक “दाखिल ख़ारिज” में समेटने की कोशिश की गयी है। ग़ज़ल की यात्रा शुरू होती है प्रारंभिक लेखक मीर तक़ी मीर, ज़ौक़, और ग़ालिब जैसे लेखकों से।
बिहार में विधान सभा चुनाव अगले साल होना है, लेकिन चुनाव के मुद्दे क्या होंगे, यह अभी से ही सेट होने लगा है? जानिए, नीतीश और एनडीए के लिये क्या बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
नीतीश कुमार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भूमिहारों को लेकर ऐसा क्या कह दिया कि बवाल मच गया? जानिए, जाति को लेकर बिहार में क्या जंग छिड़ी है।
बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव के बेहतरीन नेता के तौर पर उभरे थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में उनके रवैए और बर्ताव ने उनकी छवि मटियामेट कर दी। आखिर तेजस्वी यादव यूपी के सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसा करिश्मा क्यों नहीं कर पाए। देश के जाने-माने चर्चित पत्रकार शैलेश तेजस्वी की राजनीति का विश्लेषण करके बता रहे हैं कि दरअसल कहानी क्या है, जानिएः