योगी सरकार में कई ऐसे नेताओं को मंत्री बनाया गया है जो ना तो विधान परिषद के सदस्य हैं और ना ही विधानसभा के। ऐसे में इन्हें विधानसभा में भेजने के लिए पार्टी क्या कुछ विधायकों का इस्तीफा लेगी?
पिछली सरकार में अहम विभाग संभालने वाले दस नेताओं को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। जानिए, कौन हैं ये नेता।
साल 2017 में केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही बीजेपी सत्ता में आई थी। जबकि बृजेश पाठक बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण चेहरों में शुमार थे लेकिन 2017 में उन्होंने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में हुए शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी के तमाम आला पदाधिकारी मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण समारोह इकाना स्टेडियम में हो रहा है और इसके लिए पूरे लखनऊ को बड़े पैमाने पर सजाया गया है।
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद भी योगी सरकार के गठन में इतना वक्त क्यों लग रहा है। क्या बीजेपी को सहयोगी दलों को मनाने में मुश्किलें आ रही हैं।
सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के मामले में योगी सरकार को लगी फटकार पर देश के बड़े अखबार आखिर नरम क्यों पड़ गए?
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर योगी सरकार ने अपने ही एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के ख़िलाफ़ एसआईटी जाँच गठित क्यों कर दी है? आख़िर मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से लगभग पाँच महीने पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर उत्तर प्रदेश बीजेपी क्या संकेत देना चाहती है?
बीजेपी ने पंजाब सरकार में 15 मंत्रियों के शामिल करने के थोड़ी देर बाद ही उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इससे क्या बीजेपी को अगले विधानसभा चुनाव में कोई मदद मिलेगी?
यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के पूरे पेज के एक विज्ञापन में कोलकाता के एक फ्लाईओवर की तसवीर को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने योगी सरकार पर अनूठे ढंग से तंज कसे हैं...
योगी आदित्यनाथ सरकार के विज्ञापन में बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में बने फ्लाईओवर की तसवीर क्यों लगी थी और इस पर विवाद क्यों हुआ? जानिए पूरा मामला।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की योजनाओं और कथित उपलब्धियों का प्रचार ऐसे कर रहे हैं, मानो उन्हें अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा का नहीं बल्कि देश का चुनाव लड़ना है।
उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। खेत ही नहीं, घर के आसपास सब्जी बोने पर भी आफत है। गोरक्षा के नाम पर सरकार की ओर से किए गए बदलावों ने इस मुसीबत को कई गुना बढ़ा दिया है।
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राधा मोहन सिंह ने रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाक़ात की और उन्हें एक बंद लिफाफा सौंपा।
कोरोना काल में देश ने इस महामारी का जबरदस्त कहर देखा और सवाल सीधे केंद्र और राज्य सरकारों पर उठे। लेकिन अब इन सवालों से बचने का या अपनी नाकामियों को छुपाने का तरीक़ा सरकारों ने निकाल लिया है।
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरकार से लेकर संगठन में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है, वहीं प्रदेश के मंत्रियों व दूसर विधायकों से फीडबैक लेने की कवायद भी शुरू हो गई है।
यूपी सरकार 4 साल की ‘उपलब्धियों’ का जश्न मना रही है। करोड़ों रुपये विज्ञापन पर ख़र्च कर। वहीं बाल विकास एवं पोषाहार विभाग के लाखों कर्मचारियों की महीनों से वेतन नहीं मिलने की शिकायतें हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफ़िस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ दिन पहले दुर्गेश चौधरी नाम के शख़्स का वीडियो जारी किया गया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही पूरे राज्य में सड़कों, हाईवे और फुटपाथ के किनारे पर बने धार्मिक स्थलों को गिराने जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत पर योगी सरकार से जवाब तलब किया है।
सरकारी तंत्र का दावा है कि बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुसलिम देशों और इसलामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था। हालांकि पैसा आने का कोई सुबूत पेश नहीं किया गया है।
3 साल के अपने शासन के दौरान एनकाउंटरों में हुई सवा सौ से ज़्यादा मौतों को 'जायज़' ठहराने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आत्मरक्षार्थ रणनीति अपनाने का यह पहला मौक़ा है।
उत्तर प्रदेश में उद्योगों की खस्ता हालत के बीच योगी सरकार के सवा करोड़ लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने के दावे पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित तौर पर घटिया पीपीई किट सप्लाई के मामले में किसी तरह के घोटाले से साफ़ इनकार कर दिया है। घटिया पीपीई किट की सप्लाई को लेकर लिखी गयी महानिदेशक की चिट्ठी के लीक होने की अलबत्ता जाँच शुरू कर दी है।
होर्डिंग मामले में योगी सरकार के वसूली अध्यादेश पर रविवार को इस पर राज्यपाल का हस्ताक्षर भी हो गया। संपत्ति नुक़सान पहुँचाने वाले को अब क्षतिपूर्ति देनी ही होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने क्लेम ट्रिब्यूनल भी बना दिया है।