तेहरान में हुए विस्फोट के बाद इसराइल द्वारा ईरान पर बड़े हमले की खबरें सामने आ रही हैं। इस हमले से मध्य पूर्व में पहले से मौजूद तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। जानिए पूरी स्थिति क्या है।
इसराइल के गुरुवार देर रात बड़े हमले के बाद ईरान ने भी ड्रोन से जवाबी हमला किया है। इसराइली सेना ने दावा किया है कि उसने पिछले कुछ घंटों में 100 से अधिक ड्रोनों को इंटरसेप्ट किया है। इसराइल के हमले के बाद ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई प्रमुख शहरों में जोरदार विस्फोटों की ख़बरें हैं। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल होसैन सलामी की मौत हो गई है। हालाँकि, इस ख़बर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि इस हमले में अमेरिका की कोई प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है।
इसराइल ने इसे प्री-एंपटिव हमला क़रार दिया है, जिसका मतलब है कि उसको ईरान से हमले का ख़तरा है और उसके हमले से पहले इसराइल ने सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। इसी के तहत इसराइली वायुसेना ने गुरुवार रात को ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। ईरानी सरकारी मीडिया ने पुष्टि की कि इसराइल के हमले में छह परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई। ये सभी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े थे। इसराइल रक्षा बल यानी आईडीएफ़ ने कहा है, 'आईडीएफ़ ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने के लिए एक पहले से नियोजित, सटीक और संयुक्त सैन्य कार्रवाई शुरू की। आईएएफ के दर्जनों जेट विमानों ने पहले चरण को पूरा किया, जिसमें परमाणु ठिकानों सहित ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए।'
इसने आगे कहा, 'आज, ईरान पहले से कहीं ज्यादा परमाणु हथियार बनाने के करीब है। ईरानी शासन के हाथों में बड़े पैमाने पर विनाशकारी हथियार इसराइल और पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा ख़तरा हैं। इसराइल के पास अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और वह जहां भी जरूरी होगा, कार्रवाई करता रहेगा।'
इसराइल रक्षा बलों के प्रवक्ता ने बताया कि इन हमलों में मध्य ईरान में नतांज़ और इस्फहान के पास स्थित परमाणु सुविधाओं सहित कई रणनीतिक लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा, तेहरान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी आईआरजीसी के मुख्यालय और अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमले किए गए। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने तेहरान में रात के समय आसमान में आग के गोले और धुएँ के गुबार देखे जाने की सूचना दी। हमलों के बाद तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें निलंबित कर दी गईं।
ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम और अन्य स्थानीय मीडिया ने बताया कि हमले में आईआरजीसी के प्रमुख होसैन सलामी मारे गए। इसके साथ ही कम से कम दो वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों और ईरानी सशस्त्र बलों के एक उच्च अधिकारी की भी मौत की ख़बरें हैं। ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी शुक्रवार को इसराइल के हमलों के दौरान मारे गए। यह जानकारी सरकारी टेलीविजन ने दी। एएफ़पी के अनुसार सरकारी प्रसारक ने कहा है कि 'मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, शहीद हो गए।' हालांकि, कुछ अंतरराष्ट्रीय समाचार स्रोतों ने सलामी की मौत की पुष्टि पर संदेह जताया है। हमले में कई सैन्य ठिकानों को व्यापक नुकसान पहुँचा है, और तेहरान में बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी ख़बरें हैं।
इसराइल के सैन्य अधिकारियों ने इस हमले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ज़रूरी बताया है। एक आधिकारिक बयान में आईडीएफ़ ने कहा, 'ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएँ और क्षेत्र में उसकी आक्रामक गतिविधियाँ इसराइल और वैश्विक समुदाय के लिए ख़तरा थीं। यह हमला उन ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया, जो परमाणु हथियारों के विकास और आतंकी गतिविधियों का समर्थन कर रहे थे।'
इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ज़रूरी था।
इसराइल ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और संभावित जवाबी हमलों के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। देश में आयरन डोम जैसी वायु रक्षा प्रणालियाँ हाई अलर्ट पर हैं। इसराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और माना जा रहा है कि हमले की योजना कई महीनों से तैयार की जा रही थी।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और खुला युद्ध करार दिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'इसराइल ने हमारी संप्रभुता पर हमला किया है, और हम इसका कड़ा जवाब देंगे।' ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने और इसराइल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
ईरानी सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और देश की वायु रक्षा प्रणालियों को सक्रिय कर दिया गया है। तेहरान और अन्य प्रभावित शहरों में आपातकालीन सेवाएँ सक्रिय हैं और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। ईरान ने लेबनान के हिजबुल्लाह और सीरिया में सक्रिय मिलिशिया समूहों जैसे अपने क्षेत्रीय सहयोगियों को भी सतर्क कर दिया है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने साफ़ किया है कि इस हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, 'हमें इस ऑपरेशन की पूर्व सूचना नहीं थी और यह पूरी तरह से इसराइल का स्वतंत्र निर्णय था। अमेरिका ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
हालाँकि, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इसराइल लंबे समय से एकमत रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि इसराइल ने यह हमला अकेले किया है।
इस हमले ने वैश्विक समुदाय में व्यापक चिंता पैदा की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने एक बयान में कहा, 'मैं सभी पक्षों से संयम बरतने और तनाव को कम करने की अपील करता हूँ।' रूस और चीन ने इसराइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे मध्य पूर्व में अस्थिरता को बढ़ावा देने वाला कदम बताया, जबकि चीन ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा करार दिया। दूसरी ओर, कुछ यूरोपीय देशों और इसराइल के सहयोगियों ने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा का अधिकार बताया, लेकिन साथ ही कूटनीतिक समाधान की ज़रूरत पर बल दिया।
यह हमला मध्य पूर्व में पहले से ही जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को और गंभीर बना सकता है। इसराइल और ईरान के बीच लंबे समय से छद्म युद्ध चल रहा है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के हितों को निशाना बनाते रहे हैं। होसैन सलामी की कथित मौत की यदि पुष्ट हो जाती है तो आईआरजीसी और ईरानी शासन के लिए एक बड़ा झटका होगी। सलामी को ईरान की सैन्य रणनीति और क्षेत्रीय प्रभाव का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था।
इस हमले के बाद हिजबुल्लाह, हूती विद्रोही और इराक में सक्रिय शिया मिलिशिया जैसे ईरान के सहयोगी समूह जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे क्षेत्र में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई है, जो तेल की कीमतों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित कर सकता है।
इसराइल का यह एकतरफा हमला मध्य पूर्व में एक नए और ख़तरनाक युग की शुरुआत कर सकता है। होसैन सलामी की कथित मौत और ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है। वैश्विक समुदाय अब यह देख रहा है कि ईरान इस हमले का जवाब कैसे देता है और क्या इस संकट को कूटनीतिक रूप से हल किया जा सकता है।