दीपाली श्रीवास्तव मनोरंजन विषयों पर लिखती रहती है।
मीटू’ जैसे गंभीर विषय पर बनी फ़िल्म गिल्टी एक सस्पेंस थ्रिलर बन कर रह गई और यही उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी भी है।
‘देवी’ हमारे देश में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है तो उसी देश में हर दिन कई महिलाओं या लड़कियों के साथ बलात्कार या छेड़छाड़ जैसे कई मामले दर्ज होते हैं। इसी को लेकर एक शॉर्ट फ़िल्म आई है ‘देवी’।
बस एक ‘थप्पड़’ ही तो था, इतना तो चलता है। इसी बात का मुँहतोड़ जवाब है डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फ़िल्म ‘थप्पड़’। फ़िल्म को अनुभव सिन्हा और मृणमयी लागू द्वारा लिखा गया है।
भारतीय समाज में पति का पत्नी को थप्पड़ मार देना मामूली घटना समझी जाती है। अगर महिला इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाये तो रिश्तेदार, मायके वाले तक उसका साथ नहीं देते।
'ताजमहल 1989' सीरीज़ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर 14 फ़रवरी को रिलीज़ की गई है। ताजमहल को शाहजहाँ ने अपनी बेग़म मुमताज की याद में बनवाया था और हमेशा से हम सभी ने इसे प्यार के प्रतीक के रूप में ही जाना है।
रिलीज से पहले जहाँ फ़िल्म फ़िल्म ‘शिकारा’ पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट तक विवाद पहुँच गया था वहीं अब रिलीज के बाद कश्मीरी पंडित ही इस फ़िल्म से नाराज़ हैं।
डायरेक्टर व प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा दर्शकों के लिए बेहद ही संवेदनशील मसले पर एक फ़िल्म लेकर आये हैं, जिसका नाम ‘शिकारा’ है। यह फ़िल्म 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को दर्शाती है।
फ़िल्म का नाम ‘गुल मकई’ है और इसे डायरेक्टर एच.ई. अमजद ने डायरेक्ट किया है। डायरेक्टर अमजद की यह दूसरी फ़िल्म है और इसमें उन्होंने पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसुफजई के संघर्ष भरे जीवन पर रोशनी डालने की कोशिश की है।
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर कुछ दिनों पहले सीरीज़ रिलीज हुई है जिसका नाम है ‘जामताड़ा’। वैसे, जामताड़ा झारखंड का एक ज़िला है और साथ ही इसे फीशिंग का हब यानी साइबर क्राइम में मशहूर भी कहा जाता है।
एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर डायरेक्टर मेघना गुलज़ार फ़िल्म लेकर आई है। जिसका नाम ‘छपाक’ है और यह फ़िल्म शुक्रवार यानी 10 जनवरी को रिलीज हो रही है।
सीरीज़ की दुनिया की बात पर हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि साल 2019 में कौन-सी सीरीज़ हिट रही। जो अगर आपने अब तक न देखी हो तो जल्द देखें।
‘गुड न्यूज़’ यानी ख़ुशख़बरी! इस फ़िल्म में भी घर में नए मेहमान के आने की ख़ुशख़बरी का सभी को इंतज़ार है और उसी को लेकर डायरेक्टर ने एक नई कहानी के साथ फ़िल्म बनाई है।
40 साल बाद डायरेक्टर मुदस्सर अजीज़ फ़िल्म ‘पति-पत्नी और वो’ का रिमेक लेकर आए, जिसमें कॉमेडी का तड़का और इमोशनल-फ़ैमिली ड्रामा का डोज़ दिया है।
फ़िल्म ‘कमांडो-3’ में एक्शन, थ्रिलर और देशभक्ति से भरा एक मैसेज है। इसमें विद्युत जामवाल का ज़बरदस्त एक्शन आपको हैरान कर देगा। पढ़िए फ़िल्म समीक्षा।
डायरेक्टर देवा मित्रा बिस्वाल ने पहली फ़िल्म डायरेक्ट की है जिसका नाम है ‘मोतीचूर-चकनाचूर’, जो कि 15 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
फ़िल्म ‘बाला’ में कहानी है बालों की। जी हाँ, वही लंबे, घने, घुंघराले ख़ूबसूरत बाल जो कि सभी के सर का ताज होते हैं। फ़िल्म में गंजेपन की समस्या को लेकर दिखाया गया है।
डायरेक्टर इरफ़ान कमाल अपने दर्शकों के लिए फ़िल्म ‘सैटेलाइट शंकर’ लेकर आ रहे हैं, जो कि 8 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
फ़िल्म ‘मेड इन चाइना’ में सेक्स प्रॉब्लम्स के बारे में खुल कर बात करने के लिए प्रेरित करती है। सेक्स लाइफ़ या इससे जुड़ी परेशानी के बारे में किसी से बात करना क्यों पसंद नहीं करते?
फ़िल्म 'सांड की आँख' में कुछ पाने का जुनून है, जज़्बा है और सपने पूरे करने की ललक है। यह फ़िल्म दो तेज़-तर्रार शूटर चन्द्रो तोमर व प्रकाशी तोमर के जीवन और शूटर बनने की उनकी कहानी पर आधारित है।
केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर फ़िल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं तो फिर देश में मंदी कैसे है।
“द स्काई इज़ पिंक” मुख्य रूप से एक प्यारी सी लड़की आयशा चौधरी पर आधारित है जिसने यह सिखाया है कि जिंदगी को हर पल कैसे जिया जा सकता है।
स्पाई की निजी ज़िंदगी को समझना चाहते हैं तो एक वेब सीरीज़ आई है। नाम है ‘बार्ड ऑफ़ ब्लड’। लीड रोल में हैं इमरान हाशमी। और निर्माता शाहरुख ख़ान, गौरी ख़ान और गौरव वर्मा हैं।
आजकल फ़िल्मों के साथ ही वेबसीरीज़ का अनोखा क्रेज़ लोगों में देखने को मिल रहा है और इसी बीच सभी ने ‘द फ़ैमिली मैन’ के बारे में भी काफ़ी सुना होगा।
फ़िल्म 'सेक्शन 375' कोर्टरूम में घूमती रहती है, पर यह सिर्फ़ कोर्टरूम ड्रामा नहीं है। यह बलात्कार के अभियुक्त के मनोविज्ञान को समझने की कोशिश है।