केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था जिसने न सिर्फ़ फ़िल्म जगत बल्कि आम लोगों को भी हैरान कर दिया। प्रसाद ने बीते शनिवार को कहा था, ‘एनएसएसओ (नेशनल सैंपल सर्वे ऑफ़िस) के बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़े पूरी तरह ग़लत हैं।’ मुंबई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर फ़िल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं तो फिर देश में मंदी कैसे है।
क्या मंदी का सिनेमा व फ़िल्मों की कमाई से कोई संबंध है?
- विचार
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- 16 Oct, 2019

केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर फ़िल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं तो फिर देश में मंदी कैसे है।
प्रसाद ने कहा था, ‘मैं एनएसएसओ की रिपोर्ट को ग़लत कहता हूं और पूरी ज़िम्मेदारी के साथ कहता हूं। उस रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफ़ैक्चरिंग, आईटी क्षेत्र, मुद्रा लोन और कॉमन सर्विस सेंटर का ज़िक्र नहीं है। क्यों नहीं है? हमने कभी नहीं कहा था कि सबको सरकारी नौकरी देंगे। हम ये अभी भी नहीं कह रहे हैं। कुछ लोगों ने आंकड़ों को योजनाबद्ध तरीके से ग़लत ढंग से पेश किया। मैं यह दिल्ली में भी कह चुका हूं।’