IPS Y Puran Kumar Case: दलित आईपीएस वाई पुरन कुमार खुदकुशी मामले में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को सोमवार देर रात छुट्टी पर भेज दिया गया। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र पीएम मोदी का 17 अक्टूबर को हरियाणा दौरा कैंसल कर दिया गया है।
आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में बढ़ते राजनीतिक और सामाजिक दबाव के बीच राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह फैसला सोमवार देर रात लिया गया, जब अधिकारी के परिवार और दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शनों से मामला गंभीर हो गया। इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी का 17 अक्टूबर को सोनीपत में आने का कार्यक्रम टाल दिया गया है। हालांकि केंद्रीय मंत्री और पिछले सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने विश्वसनीय अधिकारियों के ज़रिए पुरन कुमार के परिवार को मनाने की पूरी कोशिश की लेकिन परिवार राज़ी नहीं हुआ। यह घटनाक्रम हरियाणा में बीजेपी की राजनीति को भी पूरी तरह प्रभावित कर रहा है। नेता विपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को पुरन कुमार के परिवार से मुलाकात कर सकते हैं।
पुरन कुमार, 2001 बैच के दलित आईपीएस अधिकारी और हरियाणा कैडर के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस थे। अफसरों के उत्पीड़न से तंग आकर 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने नौ पेज का एक 'अंतिम नोट' छोड़ा था, जिसमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया और कई अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं आईएएस अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और प्रोफेशनल भेदभाव का आरोप लगाया गया। नोट में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के दौरान छुट्टी न देने और सार्वजनिक अपमान का भी जिक्र किया था।
आत्महत्या के बाद से मामला गरमाता जा रहा है। कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने मांग की है कि नोट में नामित सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। अमनीत ने मृतक के संपत्ति या वसीयत की घोषणा भी नहीं की है। चंडीगढ़ पुलिस ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। एसआईटी का कहना है कि परिवार की मंजूरी के बिना पोस्टमॉर्टम संभव नहीं है। परिवार का कहना है कि सबसे पहले शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजरनिया को गिरफ्तार किया जाए। हालांकि रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया का तबादला कर दिया गया। लेकिन डीजीपी कपूर पर कार्रवाई न होने से नाराजगी बढ़ती गई। दलित संगठनों ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जबकि विपक्षी दलों ने भी मामले को संसद में उठाने की घोषणा कर दी।
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने बताया, "डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया गया है। कितने दिनों के लिए भेजा गया है, इसकी जानकारी बाद में जानकारी दी जाएगी।" मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली ने पुष्टि करते हुए कहा, "कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।" सरकार ने जांच को गंभीरता से लेने का भरोसा दिलाया है, लेकिन पोस्टमॉर्टम और अन्य औपचारिकताओं पर गतिरोध बरकरार है।
प्रधानमंत्री का सोनीपत दौरा रद्द
हरियाणा के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी प्रधानमंत्री की 17 अक्टूबर की सोनीपत यात्रा से पहले गतिरोध को खत्म कराने में नाकाम रहे।प्रधानमंत्री मोदी सोनीपत में ‘जन विश्वास-जन विकास’ कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे और राज्य सरकार के तीसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर कई नई पहल की घोषणा करने वाले थे। हरियाणा में बिहार के प्रवासी भारी तादाद में रहते हैं। इस कार्यक्रम को उससे जोड़कर तैयार किया गया था। हालांकि पीएम मोदी का 17 अक्टूबर का कार्यक्रम रद्द होने की कोई वजह नहीं बताई गई है, लेकिन भाजपा सूत्रों ने स्वीकार किया कि वाई पुरन कुमार की खुदकुशी के बाद की स्थिति प्रधानमंत्री के दौरे के लिए सही नहीं थी।
डीजीपी शत्रुजीत कपूर की खट्टर से नज़दीकियां और पर्दे के पीछे की कारगुज़ारियां
चीफ सेक्रेटरी राजेश खुल्लर के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पूर्व सीएम और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का खास करीबी अफसर माना जाता है। दोनों का कद खट्टर के कार्यकाल में बढ़ा। पिछले 24 घंटों में, खट्टर के मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया दो बार मृतक वाई पुरन कुमार के परिवार से मिल चुके हैं। नौ साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और अब करनाल से सांसद, खट्टर का अपने पूर्व राज्य पर प्रभाव अब भी काफ़ी मज़बूत है।
सोमवार को कटारिया के साथ हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष बिजेंद्र बडगुजर और सूचना आयुक्त अमरजीत सिंह भी गए थे। अमरजीत सिंह इससे पहले खट्टर के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रह चुके हैं। वे लगभग एक घंटे तक आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार के घर पर रुके और परिवार को समझाने की कोशिश की।
खट्टर ने अपने भरोसेमंद लोगों की फौज उतार दी थी
बताया जा रहा है कि खट्टर ने अपने भरोसेमंद कटारिया को परिवार से बात करने के लिए भेजने से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात की थी। इसके अलावा, खट्टर के एक और विश्वासपात्र, तरुण भंडारी, जो मुख्यमंत्री सैनी के राजनीतिक सचिव के रूप में कार्यरत हैं, पिछले 24 घंटों में चार बार दिवंगत अधिकारी के परिवार से मिलने गए। भंडारी, खट्टर के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके प्रचार सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव और खट्टर के एक अन्य विश्वासपात्र राजेश खुल्लर पिछले कुछ दिनों से अमनीत पी कुमार के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अपने सुसाइड नोट में पुरन कुमार ने लिखा था कि खट्टर ने एसीएस (गृह) को एक नोट लिखवाया था कि उनके खिलाफ आरोपपत्र की कार्यवाही स्थगित रखी जाए और उनके द्वारा प्रस्तुत पूरक टिप्पणियों के मद्देनज़र पूरे मामले की फिर से जांच की जाए। लेकिन इन सब बातों की जानकारी देने के बावजूद पुरन कुमार की पत्नी अमनीत पसीजी नहीं और डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ी हुई हैं।
ताज़ा घटनाक्रम के बाद परिवार शायद अब पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार के लिए राज़ी हो जाए। खबर है कि नेता विपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को परिवार के पास जाकर शोक जता सकते हैं।