हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सैनी मंगलवार शाम को शपथ लेते हुए।
नायब सिंह सैनी ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इससे पहले कुरुक्षेत्र के इस भाजपा सांसद को दोपहर में विधायक दल का नेता चुना गया था। सैनी के साथ पांच मंत्रियों कंवर पाल गुज्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जेपी दलाल और बनवारी लाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
इससे पहले खट्टर को हटाने को लेकर जबरदस्त गतिविधियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं। मनोहर लाल खट्टर से भाजपा का मोह इतनी जल्दी भंग हो जाएगा, यह पार्टी के अंदर किसी ने सोचा तक नहीं था। सुबह से जब बतौर सीएम खट्टर के इस्तीफे की खबरें आ रही थीं तो तमाम खबरों में यही बताया जा रहा था कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन टूटने के बाद फिर से मंत्रिमंडल का गठन होगा। इसलिए सभी ने इस्तीफे दे दिए हैं। लेकिन यह बात सच नहीं थी। थोड़ी देर पहले भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें नायब सैनी को नेता विधायक दल चुना गया। पार्टी विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि नायब सिंह सैनी को सर्वसम्मति से पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया।
हरियाणा में राजनीतिक घटनाक्रम सुबह से ही लगातार बदल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में अपने सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में विभाजन से कुछ घंटे पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यानी खट्टर चाहते थे कि जेजेपी से भाजपा का समझौता बरकरार रहे। जेजेपी को दो लोकसभा सीटें समझौते में दी जाएं।
करीब 15 दिनों से हरियाणा में राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे थे। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सबसे पहले भाजपा और जेजेपी गठबंधन में दरारें उभरीं। मंत्रिमंडल में 14 मंत्री शामिल थे, जिनमें खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के तीन सदस्य शामिल थे। सभी ने इस्तीफा दे दिया।
क्या जेजेपी टूटेगी