दिल्ली की सत्ता का रास्ता भले ही उत्तर प्रदेश से होते हुए गुजरता हो, लेकिन दक्षिण भारत की पार्टियों को साथ लिए बिना किसी के लिए भी केंद्र की सत्ता हासिल करना आसान नहीं है। दक्षिण में अब भी क्षेत्रीय पार्टियों का ही दबदबा है और इनका साथ लिए बिना बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के लिए ही केंद्र में सरकार बनाना बेहद मुश्किल काम है।