चांद पर पानी हो सकता है।
रॉयटर्स के मुताबिक 2008 में ही नासा के एक अन्य जांच दल ने, जो दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा, चंद्रमा की सतह के नीचे पानी की बर्फ का दावा किया। नासा के पहले के मिशन, 1998 के लूनर प्रॉस्पेक्टर में इस बात के प्रमाण मिले थे कि पानी में बर्फ की सबसे अधिक उपलब्धि दक्षिणी ध्रुव के उन गड्ढों में है। इस बार चंद्रयान 3 शायद उस रहस्य से और पर्दा उठाए।
रॉयटर्स के मुताबिक 1967 की संयुक्त राष्ट्र बाह्य अंतरिक्ष संधि किसी भी देश को चंद्रमा पर मालिकाना हक का दावा करने से रोकती है। लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कमर्शल ऑपरेशन को रोक देगा। अमेरिका ने चंद्रमा की खोज और उसके संसाधनों के इस्तेमाल के लिए सिद्धांतों को लेकर आर्टेमिस समझौता तैयार किया था। जिस पर 27 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन चीन और रूस ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं।