आरक्षण लागू करने को लेकर यूजीसी के दिशानिर्देशों वाले नए मसौदे ने बीजेपी सरकार की आरक्षण नीति पर फिर से सवाल खड़े कर दिए। यूजीसी के दिशानिर्देशों वाला नया मसौदा 'डि-रिजर्वेशन' को लेकर था। इस पर इतना ज़्यादा विवाद हुआ कि यूजीसी की वेबसाइट से उस मसौदे को हटा लिया गया। आरोप लगे कि 'डि-रिजर्वेशन' की यह नीति से पूरे आरक्षण के विचार पर ही हमला है! इसी को लेकर छात्र संगठनों से लेकर टीचर एसोसिएशन तक उबल पड़े और सरकार को सफाई जारी करनी पड़ी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस विवाद पर कहा कि एक भी आरक्षित पद को अनारक्षित नहीं किया जाएगा।