कोरोना संक्रमण इतना फैल गया है कि सुविधाएँ कम पड़ने लगी हैं। पिछले साल की तरह। लेकिन एक बड़ा अंतर है। पिछले साल तैयारी नहीं थी तो संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम आने पर भी सुविधाएँ चरमरा गई थीं, लेकिन इस बार क़रीब एक साल से तैयारी होने के बावजूद व्यवस्था चरमराती दीख रही है। अस्पताल में बेड कम पड़ने लगे हैं। कई राज्यों के अस्पतालों में लोगों को फर्श पर लेटाकर ऑक्सीजन दिए जाने की तसवीरें आई हैं। गुजरात में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी दिखीं। कई वीडियो और तसवीरों में श्मसान घाट में कोरोना से मरने वालों के शवों की कतारें दिखीं। हाल में कोरोना वैक्सीन की माँग इतनी बढ़ गई कि कई राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक कम पड़ने की ख़बरें आने लगीं।