सीवर की सफ़ाई के दौरान सफ़ाई कर्मियों की मौत के लगातार आ रहे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सीवर की सफ़ाई के तरीक़ों को लेकर कोर्ट ने कहा कि किसी भी देश में लोगों को गैस चैम्बर में मारने के लिए धकेला नहीं जाता है। इसने कहा कि नाले की सफ़ाई में हर महीने चार-पाँच लोग मर रहे हैं। मैला ढोने और सफ़ाई के तरीक़ों को लेकर अदालत ने यह भी कहा कि आज़ादी के 70 साल बाद भी देश में जातिगत भेदभाव हो रहे हैं।
सीवर सफ़ाई- लोगों को मौत के गैस चैंबर में धकेला जा रहा है: सुप्रीम कोर्ट
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- 18 Sep, 2019
सीवर की सफ़ाई के दौरान सफ़ाई कर्मियों की मौत के लगातार आ रहे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी देश में लोगों को गैस चैम्बर में मारने के लिए धकेला नहीं जाता है।

जस्टिस अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'सभी लोग बराबर हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा उन्हें (सफ़ाई कर्मियों) बराबर सुविधाएँ नहीं दी जा रही हैं।' बेंच ने आगे कहा, ‘इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार सबसे अमानवीय है।’
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एससी/एसटी एक्ट को कमज़ोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पुनर्विचार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए की। एससी/एसटी एक्ट में गिरफ़्तारी के प्रावधान को कमज़ोर करने के कोर्ट के फ़ैसले के बाद सरकार ने संसद में क़ानून बनाकर इसे पहले जैसी स्थिति में ला दी है।