Operation Sindoor Parliament Debate: लोकसभा में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर मैराथन चर्चा हुई। जानें सत्ता पक्ष और विपक्ष ने क्या-क्या तर्क रखे।
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान एस जयशंकर।
लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में मैराथन बहस चली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता इस पर अपनी बातें रखीं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले को लेकर अमेरिका के साथ हुई बातचीत में व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं उठा। उन्होंने कहा, 'हमारी अमेरिका के साथ किसी भी बातचीत में व्यापार से कोई संबंध नहीं था।' उन्होंने साफ़ किया कि 22 अप्रैल से 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई टेलीफोनिक बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा, 'पहलगाम हमले के बाद भारत और अमेरिका के बीच हुई किसी भी बातचीत में मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं था।' यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता का दावा किया था।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़ा और साफ़ संदेश दिया। विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारत की कूटनीति के कारण पहलगाम हमले की निंदा क्वाड और ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों ने की। विपक्ष ने इस दौरान पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक और आतंकियों की गिरफ्तारी में देरी पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से हमले के मुख्य आरोपियों की स्थिति पर जवाब मांगा। जवाब में, जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर अडिग है और किसी भी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
इससे पहले संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा सुबह शुरू नहीं हो पाई, लेकिन दो बार के स्थगन के बाद लोकसभा में दोपहर बाद 2 बजे से चर्चा शुरू हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी शुरुआत की। राजनाथ ने कहा- पाकिस्तान के एयर फील्ड पर जब हमले हुए तो पाकिस्तान ने हार स्वीकार कर ली। राजनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने यह तो पूछा कि कितने भारतीय विमान मार गिराए गए, लेकिन यह कभी नहीं पूछा कि 'हमारे सशस्त्र बलों ने कितने दुश्मन विमानों को मार गिराया'। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर कोई शरारत की तो भारत फिर हमला करेगा।
विपक्ष पर हमला
रक्षा मंत्री ने कहा- विपक्ष को अगर उन्हें कोई सवाल पूछना ही है, तो वह यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, और इसका जवाब है, हाँ। अगर आपको कोई सवाल पूछना है, तो यह पूछें: क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी बहादुर सैनिक को कोई नुकसान पहुँचा? जवाब है, नहीं, हमारे किसी भी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुँचा।"
हमारा मकसद कब्जा करना नहीं थाः उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को अपने लक्ष्य चुनने की पूरी आज़ादी दी गई थी क्योंकि "ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का राजनीतिक-सैन्य उद्देश्य उन आतंकवादी नर्सरियों को खत्म करना था जिन्हें पाकिस्तान ने कई सालों से पाला था।" उन्होंने आगे कहा, "इसका मकसद युद्ध छेड़ना नहीं, बल्कि दुश्मन को झुकने पर मजबूर करना था। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य किसी क्षेत्र पर कब्ज़ा करना या सीमा पार करना नहीं था। उन्होंने आगे कहा, "ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य उन आतंकी नर्सरियों को खत्म करना था जिन्हें पाकिस्तान ने कई सालों से पाला-पोसा था।"
इससे पहले लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा समय पर शुरू नहीं हो पाई। विपक्षी दल पहले बिहार एसआईआर पर चर्चा कराने का वादा चाहते थे। विपक्षी दलों ने संसद के बाहर बिहार एसआईआर को लेकर प्रदर्शन भी किया। कांग्रेस की वयोवृद्ध नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
राहुल गांधी ने टोक दिया
संसद में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कैसे युद्ध विराम पर सहमति जताई, तो विपक्ष के नेता राहुल गांधी अचानक उठ खड़े हुए और पूछा, "रुके क्यों?" राजनाथ के पास इसका कोई जवाब नहीं था। यही सवाल बाद में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी किया।
अचानक युद्धविराम क्यों?
बहस के दौरान बोलते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "पूरा देश और विपक्ष पीएम मोदी का समर्थन कर रहा था। अचानक 10 मई को हमें पता चला कि युद्धविराम हो गया है। क्यों? हम पीएम मोदी से जानना चाहते थे कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप रुके क्यों और किसके सामने आत्मसमर्पण किया? अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26 बार कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम की घोषणा करने के लिए मजबूर किया।" गोगोई ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पहलगाम आतंकी हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
संसद में गौरव गोगोई का जवाब- पहलगाम पर अमित शाह नैतिक जिम्मेदारी लें
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पहलगाम आतंकी हमले के दृश्य याद किए। उन्होंने लोकसभा में कहा, "पहलगाम हमले को 100 दिन हो गए हैं, लेकिन यह सरकार उन 5 आतंकियों को पकड़ नहीं पाई है... आज आपके पास ड्रोन, पेगासस, सैटेलाइट, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ हैं और रक्षा मंत्री कुछ दिन पहले वहाँ गए थे, फिर भी आप उन्हें पकड़ नहीं पाए हैं... एक एम्बुलेंस को बैसरन पहुँचने में लगभग 1 घंटा लग गया, जहाँ हमला हुआ था।" उन्होंने आगे कहा, "मैं वो दृश्य नहीं भूल सकता जब एक माँ और उसकी बेटी ने एक भारतीय सैनिक को देखा; वे रोने लगीं। उन्हें लगा कि बैसरन में लोगों की हत्या करने वाले सैनिक की वर्दी पहने आतंकवादी उनका इंतज़ार कर रहे हैं। उस सैनिक को कहना पड़ा कि वह एक भारतीय है, और आप सुरक्षित हैं... वहाँ के लोगों में इसी तरह का आतंक था। राजनाथ जी, आपको इस आतंक पर एक शब्द भी बोलना चाहिए था।"
लोकसभा पहले 12 बजे तक और दोबारा 1 बजे तक स्थगित कर दी गई। 1 बजे जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो हंगामे की वजह से 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष लगातार बिहार एसआईआर पर सवाल उठा रहा है। लेकिन स्पीकर ओम बिड़ला ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए कह रहे हैं। बिड़ला ने कहा कि आप लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस कराने पर सहमति दी थी। विपक्ष सरकार से इस बात की गारंटी चाहता है कि अगर सरकार बिहार एसआईआर पर बहस की गारंटी दे तो ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो सकती है।
रिजिजू का बयान
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि विपक्ष ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस शुरू होने से कुछ मिनट पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराने का आश्वासन माँगा। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से भाग रहा है। पूर्व मंत्री पी. चिदम्बरम के पाकिस्तान का सबूत मांगने वाले बयान पर भी बीजेपी के तमान नेता हमले कर रहे हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि कार्य मंत्रणा समिति ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा आयोजित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कई मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, लेकिन इस बात पर सहमति बनी कि पहले ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होगी। बता दें कि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार को पत्र लिखकर संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की थी। रिजिजू ने एक ट्वीट भी किया है। हालांकि ट्वीट सीधे पाकिस्तान के संदर्भ में है। लेकिन क्या इसमें विपक्ष को भी कुछ इशारा है। आप ट्वीट पढ़कर समझ सकते हैं।
चर्चा के दौरान विपक्ष सरकार से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने के बार-बार किए गए दावों पर स्पष्टीकरण मांग सकता है, जो एक प्रमुख मुद्दा है जिसे विपक्ष कई बार उठा चुका है।
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि टीडीपी सांसद लावू श्री कृष्ण देवरायलु और जीएम हरीश बालयोगी चर्चा में भाग ले सकते हैं, पार्टी को बोलने के लिए 30 मिनट का समय दिया गया है।
शशि थरूर का मौन व्रत
संसद पहुँचते ही जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर से लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई बहस के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, "मैं मौन व्रत पर हूँ।" यह अभी भी अनिश्चित है कि थरूर जिन्होंने अमेरिका और अन्य देशों में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था — को कांग्रेस सदन में बोलने के लिए चुनेगी या नहीं। पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार की प्रतिक्रिया का उनके मुखर समर्थन ने कथित तौर पर पार्टी के साथ उनके संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। उपलब्ध सूचना के आधार पर पता चला है कि कांग्रेस की ओर से शशि थरूर का नाम बहस करने वालों में स्पीकर को नहीं दिया गया है।
कौन शुरू करेगा बहस
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सोमवार को लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे के इस चर्चा में भाग लेने की उम्मीद है।
अभी यह साफ नहीं है कि प्रधानमंत्री चर्चा में भाग लेंगे या नहीं। खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहस का इस्तेमाल विपक्ष पर तीखा हमला बोलने के लिए कर सकते हैं। हालाँकि, इस घटनाक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
विपक्षी दलों की ओर से विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, मनीष तिवारी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी (शरद पवार) की सुप्रिया सुले और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी समेत अन्य वक्ता होंगे।