ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए भारत सरकार की ओर से सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह मीडिया के सामने आईं। लोग जानना चाहते हैं कि ये दोनों महिलाएं कौन हैंः
कर्नल सोफिया कुरैशी (दाएं) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह (बाएं)
भारत सरकार ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम सिस्री के साथ सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को मीडिया ब्रीफिंग में भेजा। भारत में जो कुछ ताकतें हिन्दू मुसलमान का नेरेटिव बनाने में जुटी हुई हैं, ऐसे में इस रणनीति की काफी तारीफ हो रही है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय सशस्त्र बलों की दो प्रेरणादायक महिला अधिकारी हैं। इन दोनों अधिकारियों ने न केवल अपने साहस और नेतृत्व से देश का गौरव बढ़ाया, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं की शक्ति को भी रेखांकित किया।
गुजरात के वडोदरा में जन्मीं सोफिया कुरैशी का सेना से गहरा नाता रहा है। उनके दादा और पिता दोनों ही भारतीय सेना में सेवारत थे, जिसने सोफिया को देश सेवा के लिए प्रेरित किया। मात्र 17 वर्ष की आयु में, 1999 में, उन्होंने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत प्रवेश किया। सोफिया ने बायोकेमिस्ट्री में एमएससी की डिग्री हासिल की है, जो उनकी बौद्धिक क्षमता को दर्शाती है। उनकी शादी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई, उनका एक 9 वर्षीय बेटा भी है।
कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर में एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, जिनमें काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन शामिल हैं। 2006 में, उन्होंने कांगो में यूएन पीसकीपिंग मिशन में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी, जहां उन्होंने युद्धविराम की निगरानी और मानवीय मिशनों में सहायता प्रदान की।
सोफिया ने 2016 में इतिहास रच दिया जब वह पुणे में आयोजित 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में 40-सदस्यीय भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में 18 देशों, जिनमें अमेरिका, चीन, रूस, और जापान जैसे शक्तिशाली देश शामिल थे, ने भाग लिया। वह इस अभ्यास में एकमात्र महिला दल-नेता थीं, जिसने उनकी नेतृत्व क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।
सोफिया को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। पंजाब सीमा पर 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान उनकी सेवाओं के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) का प्रशंसा पत्र मिला। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र और फोर्स कमांडर की सराहना भी प्राप्त हुई।
7 मई 2025 को, कर्नल सोफिया कुरैशी ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने कैसे 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। सोफिया ने आतंकी शिविरों के वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनमें मुरीदके का मरकज तैबा (लश्कर-ए-तैबा से जुड़ा, जहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी प्रशिक्षित हुए थे) और बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह (जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय) शामिल थे। उन्होंने हिंदी में अपनी ब्रीफिंग दी, जिसमें पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को स्पष्ट किया।
सोफिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। हमने उन सभी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रची जा रही थीं।" उनकी स्पष्टता और आत्मविश्वास ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय सेना में महिलाएं कितनी सक्षम और प्रभावशाली हैं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की एक ऐसी साहसी और प्रेरणादायक महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने न केवल आकाश की ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि अपने साहस, कौशल और समर्पण से देश का गौरव बढ़ाया। हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया। व्योमिका सिंह की कहानी न केवल एक सैन्य अधिकारी की उपलब्धियों की गाथा है, बल्कि यह भारतीय नारी शक्ति का प्रतीक भी है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के प्रारंभिक जीवन के बारे में ज्यादा सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनकी उपलब्धियां उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प को स्पष्ट करती हैं। माना जाता है कि उन्होंने बचपन से ही देश सेवा और आकाश को छूने का सपना देखा था। भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए उन्होंने कठिन प्रशिक्षण और शारीरिक-मानसिक चुनौतियों का सामना किया। उनकी प्रेरणा का स्रोत देश के प्रति उनका अटूट समर्पण और भारतीय वायु सेना की गौरवशाली परंपरा है।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह
विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जिन्होंने 2500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं। यह उपलब्धि अपने आप में उनकी विशेषज्ञता और समर्पण का प्रमाण है। वह न केवल लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में माहिर हैं, बल्कि उन्होंने कई उच्च जोखिम वाले मिशनों में भी हिस्सा लिया है। उनकी तकनीकी कुशलता और ठंडे दिमाग से निर्णय लेने की क्षमता उन्हें एक असाधारण सैन्य अधिकारी बनाती है।
वायु सेना में अपनी सेवा के अलावा, व्योमिका ने 2021 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने भारतीय वायु सेना की महिला विंग के साथ हिमाचल प्रदेश में माउंट मणिरंग (22,837 फीट) की चढ़ाई की। यह उपलब्धि न केवल उनकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि वह हर क्षेत्र में चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। इस अभियान ने भारतीय वायु सेना की महिला अधिकारियों की क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत अपनी महत्वपूर्ण भूमिका से देश का ध्यान आकर्षित किया। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई 2025 की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में लगभग 100 आतंकी मारे गए।
7 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, व्योमिका ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मिलकर ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने एयर-टू-सरफेस मिसाइलों का उपयोग कर आतंकी ठिकानों को सटीकता के साथ नष्ट किया। विशेष रूप से, उन्होंने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय (मरकज सुभान अल्लाह) और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मरकज तैबा (2008 के मुंबई हमले से जुड़ा) को निशाना बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में, व्योमिका ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी:
"भारत पाकिस्तान की किसी भी प्रतिक्रिया से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।"
उनकी यह टिप्पणी न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाती है, बल्कि उनकी निडरता और आत्मविश्वास को भी उजागर करती है। उनकी स्पष्ट और प्रभावशाली प्रस्तुति ने दुनिया को भारत की सैन्य क्षमता और दृढ़ संकल्प का संदेश दिया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने पुरुष-प्रधान माने जाने वाले क्षेत्र में न केवल अपनी जगह बनाई, बल्कि अपनी कुशलता और नेतृत्व से देश का मान बढ़ाया। उनकी उपलब्धियां, चाहे वह माउंट मणिरंग की चढ़ाई हो या ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका, यह साबित करती हैं कि भारतीय महिलाएं किसी भी चुनौती को पार करने में सक्षम हैं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की एक ऐसी सितारा हैं, जिन्होंने आकाश की बुलंदियों को न केवल अपनी उड़ानों से, बल्कि अपने साहस और नेतृत्व से भी छुआ है। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका ने भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने रखा। माउंट मणिरंग की चढ़ाई से लेकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने तक, उनकी हर उपलब्धि भारतीय नारी शक्ति का प्रतीक है। वह न केवल एक कुशल पायलट और सैन्य अधिकारी हैं, बल्कि लाखों भारतीयों, खासकर युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा भी हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए साहस और मेहनत की जरूरत होती है।