‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, जयपुर के चीफ़ मेडिकल अफ़सर डॉ. नरोत्तम शर्मा ने कहा, ‘हमें अख़बारों से पता चला है कि उन्होंने क्लीनिकल ट्रायल के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। हमने उनसे तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा है, वरना कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि यह नोटिस बुधवार रात को भेजा गया है।
दवा को लेकर खासा विवाद होने के बाद केंद्र सरकार ने पतंजलि से कहा था कि वह कोरोनिल का प्रचार तब तक रोक दे जब तक शोध में इस दवा से इलाज के दावे का सत्यापन नहीं हो जाता। आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को जारी नोटिफ़िकेशन में पतंजलि से कहा था कि वह इस दवा से जुड़ी जानकारियों के बारे में बताए।
उत्तराखंड सरकार के एक लाइसेंसिंग अधिकारी ने भी कहा था कि रामदेव ने उत्तराखंड सरकार से यह कहकर लाइसेंस लिया था कि यह दवा खांसी-बुखार ठीक करेगी और इम्यूनिटी को बढ़ाएगी। रामदेव का पतंजलि संस्थान उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित है।