Air India Mumbai Runway Scare: मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान एयर इंडिया का विमान बड़े हादसे का शिकार होने से बच गया। विमान रनवे से फिसल गया, तीन टायर फट गए। इंजन डैमेज हो गया। हाल की ऐसी कई घटनाओं ने लोगों में तमाम आशंकाओं को जन्म दिया है।
एयर इंडिया की एक और उड़ान हादसे का शिकार हो गई। सोमवार सुबह मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) पर फ्लाइट AI-2744 की इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान इसके तीन पहिए फट गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोच्चि से मुंबई आने वाली यह एयर इंडिया A320 उड़ान भारी बारिश के बीच रनवे 27 पर उतरते समय फिसल गई और मुख्य रनवे से हटकर एक गैर रनवे क्षेत्र में चली गई, जिसके बाद यह टैक्सीवे पर जाकर रुकी। कुछ अन्य रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विमान के इंजन को भी नुकसान पहुंचा है। इस घटना में सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं, और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन इस घटना ने विमान यात्रियों में तमाम सुरक्षा आशंकाओं को जन्म दिया है। देश में अब रोजाना कहीं न कहीं से फ्लाइट को लेकर कोई न कोई खबर आती रहती है।
हादसे पर एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-2744 सुबह 9:27 बजे मुंबई हवाई अड्डे पर उतर रही थी, जब भारी बारिश के कारण यह रनवे से फिसल गई। सूत्रों के अनुसार, लैंडिंग के दौरान विमान के तीन टायर फट गए। शुरुआती जांच में इंजन को नुकसान की बात भी सामने आई है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, “फ्लाइट AI-2744, जो कोच्चि से मुंबई 21 जुलाई 2025 को संचालित हो रही थी, ने लैंडिंग के दौरान भारी बारिश का सामना किया, जिसके नतीजे में रनवे से फिसलन हुई। विमान सुरक्षित रूप से गेट तक पहुंचा, और सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित उतर गए। विमान को जांच के लिए रोक दिया गया है। यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मुंबई एयरपोर्ट ने एक बयान में कहा, “21 जुलाई 2025 को सुबह 9:27 बजे कोच्चि से आने वाली उड़ान छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे से फिसलने की घटना हुई। CSMIA की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं। सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं। शुरुआती रनवे 09/27 को मामूली नुकसान हुआ है, और संचालन को बनाए रखने के लिए दूसरे रनवे 14/32 को सक्रिय किया गया है।”
हवाई यात्रा की सुरक्षा पर बढ़ती चिंता
इस हादसे से भारत में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है। हाल ही में, अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। उस हादसे में लंदन-गैटविक जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही इंजन में ईंधन आपूर्ति बंद होने के कारण यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 242 यात्रियों और चालक दल में से केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचे थे। इस दुर्घटना में जमीन पर भी 19 लोगों की मौत हुई थी, और बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
इसके बाद से, एयर इंडिया की उड़ानों और इंडिगो की फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी और इमरजेंसी लैंडिंग की खबरें बार-बार सामने आ रही हैं। हाल ही में, 24 जून 2025 को लंदन से मुंबई आने वाली फ्लाइट AI-130 में 11 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को उड़ान के दौरान चक्कर आने और उल्टी की शिकायत हुई थी, जिसे फूड प्वाइजनिंग से जोड़ा गया। एक्स पर एक यूजर, @Dr_MonikaSingh_, ने 15 जून 2025 को दुबई से जयपुर की उड़ान IX196 के दौरान एसी में खराबी के कारण यात्रियों को पांच घंटे तक परेशानी का सामना करने की शिकायत की थी।
पिछले हादसे की जांच में क्या हुआ
12 जून 2025 के अहमदाबाद हादसे की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि बोइंग 787-8 के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद “रन” से “कटऑफ” स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण इंजनों को ईंधन आपूर्ति बंद हो गई और विमान में शक्ति की कमी हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने कटऑफ क्यों किया?” जिसका जवाब था, “मैंने नहीं किया।” इस रहस्यमय घटना ने मानवीय गलती, तकनीकी खराबी, या डिजाइन दोष की संभावनाओं को जन्म दिया है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोमवार को कुछ विदेशी न्यूज एजेंसियों की इस बात के लिए निन्दा की है कि उन्होंने अहमदाबाद हादसे के लिए पायलटों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है।
बहरहाल, इसके अलावा, अगस्त 2020 में कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट 1344 के रनवे से फिसलने और 2010 में मंगलौर में फ्लाइट 812 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं भी भारत में विमानन सुरक्षा की कमियों को उजागर करती हैं।
सुरक्षा उपाय और जनता की आशंकाएं
मुंबई हादसे ने एक बार फिर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर दबाव बढ़ा दिया है। DGCA ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, और विमान को आगे की जांच के लिए ग्राउंडेड कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारी बारिश, रनवे की स्थिति, और टायरों की गुणवत्ता इस हादसे के कारण हो सकते हैं। लेकिन भारत के हवाई अड्डों पर पक्षी टकराव की रोकथाम, रखरखाव के मानकों को मजबूत करने, और पायलट प्रशिक्षण को बेहतर करने की जरूरत है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि सरकार विमानन सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, और इस हादसे की गहन जांच की जाएगी। एयर इंडिया ने प्रभावित यात्रियों को सहायता देने का वादा किया है, और टाटा समूह, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने भी जांच में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। लेकिन बार-बार होने वाली ये घटनाएं भारत की विमानन छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं। यात्रियों में बढ़ती आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार और एयरलाइंस को विमान रखरखाव, हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे, और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे।